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Sanjay Singh Letter: जेल से आप सांसद संजय सिंह का पत्र, जानें 7 पन्ने में क्या कुछ लिखा है?

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Sanjay Singh Letter: आप सांसद संजय सिंह ने जेल से देशवासियों के नाम पत्र भेजा है। जिसमें उन्होंने महापुरुषों के कई उदाहरण दिए है। साथ ही उन्होंने तानाशाही के खिलाफ आवाज बुलंद करने की अपील की है। अपने पत्र में उन्होंने पीएम मोदी पर भी निशाना साधा है। संजय सिंह ने लिखा है कि मोदी जी का काम चिल्ला-चिल्ला के बोल रहा है ‘वह देश के लिए नहीं दोस्तों के लिए काम कर रहे हैं। मोदी जी इंडिया के नहीं अडानी के प्रधानमंत्री हैं। इस पत्र में आप सांसद ने लिखा है कि ‘तानाशाह सत्ता के खिलाफ हमारी जंग जारी रहेगी; मैं हर लड़ाई लड़ने को तैयार हूं, आप भी तानाशाही के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कीजिए, जय हिंद!’

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पढ़ें सांसद संजय सिंह द्वारा लिखा गया पत्र

जय हिन्द साथियों, जेल की सलाखों के पीछे कई दिन बीत चुके है। हर दिन के साथ निरंकुश सत्ता से लड़ने की इच्छाशक्ति और मजबूत हो रही है। इन दिनो का सदुपयोग मैने राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की “सत्य के प्रयोग”, डा. राममनोहर लोहिया की “जाति प्रथा” और नेल्सन मंडेला की जीवनी पढ़ने से की। इन महापुरुषों के संघर्ष, राष्ट्र के प्रति उनके समर्पण को पढ़कर लगा कि हर दौर में जुर्म और तानाशाही के खिलाफ लड़ने वाले लोगों को हुकूमत ने अपने दमन का शिकार बनाया है लेकिन यह भी सच है कि “दमन जितना उग्र होता है विरोध और जन आक्रोश भी उतना ही तीव्र होता है।” 

महान पुरुष नेल्सन मंडेला ने 67 साल तक अपने देश को आजाद करने की लड़ाई लड़ी, स्वतंत्रता संग्राम में उन्हें 27 साल तक दक्षिण अफ्रीका की जेल में रखा गया। 21 साल के बाद वह अपनी पत्नी से मुलाकात कर सके। तमाम यातनाओं और जुर्म सहने के बाद पूरा देश उनके साथ खड़ा हुआदक्षिण अफ्रीका आजाद हुआ। उनको नेशनल शांति पुरस्कार, भारत रत्न सहित 695 अंतर्राष्ट्रीय सम्मान मिले। बापू ने पहली जेल यात्रा दक्षिण अफ्रीका में हिंदुस्तानियों के अधिकारों के लिए की और भारत माता को आजाद करने के लिए अंग्रेजों के खिलाफ पूरे देश को लामबंद किया। 

गांधी जी ने भी देश को आजाद करने के लिए अनगिनत जेल यात्राएं की और यातनाएं झेली। पूरी दुनिया गांधी जी के अहिंसा के मंत्र का लोहा मानती है।  बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर और  डॉ. राम मनोहर लोहिया जैसे महापुरुषों ने भी जातिवाद का जहर मिटाने, गैर-बराबरी को खत्म करने के लिए लंबा संघर्ष किया। उपरोक्त उदाहरण देने का मकसद साफ है देश में बड़ा परिवर्तन लाना है, देश में  चल रही तानाशाही के खिलाफ आवाज उठानी है तो हर प्रकार का जोखिम उठाने के लिए तैयार रहना होगा। जेल, मुकदमा और लाठी तानाशाही सत्ता का हथियार है इसके आगे झुक गए तो तानाशाही बढ़ेगी अगर डट कर मुकाबला किया तो जनता आपके साथ खड़ी होगी और तानाशाही का अंत करेगी। 

अरविंद केजरीवाल का काम मोदी सरकार की आंखों की किरकिरी बन गया। बीजेपी को लगा अगर देश की जनता शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी पर वोट देने लगी तो हमारा क्या होगा? आम आदमी पार्टी ना तो जातिवाद फैलाती, न ही धर्म के नाम पर समाज को बांटने का काम करती है। यह तो काम की राजनीति कर रही है। इनका मुकाबला कैसे करें? मोदी और बीजेपी के लिए यह बड़ी कठिनाई बन गई। इसी कारण इन्होंने दमन का रास्ता अपनाया।

मोदी के खिलाफ अरविंद केजरीवाल और पार्टी के तमाम नेता चट्टान की तरह खड़े हैं। पहले भी आम आदमी पार्टी और उसके नेताओं पर लगे सारे आरोप झूठे साबित हुए हैं आगे भी मनगढ़ंत लगाए गए आरोप झूठे ही साबित होंगे। एक बात जो पूरा देश देख रहा है कि मोदी जी देश के लिए काम करने के बजाय दुश्मनी निभाने में जुट गए हैं। बड़े से बड़ा भ्रष्टाचारी मोदी के शरण में जाते ही राजा हरिश्चंद्रहो जाता है। पूरब से लेकर पश्चिम तक उत्तर से लेकर दक्षिण तक देश के सारे सारे बड़े भ्रष्टाचारी भाजपा के साथ हैं। मोदी सरकार की कार्यप्रणाली बिल्कुल साफ है ई.डी – सी.बी.आई से जांच कराओ, डराओ धमकाओं, दूसरे पार्टियों को तोड़ो, जब बेईमान बीजेपी में शामिल हो जाए तो जांच बंद कर दो। 

मेरी गिरफ्तारी भी मुझे खामोश करने की एक कोशिश है। पूरा देश जानता है, मैंने हमेशा मोदी सरकार के अन्याय और भ्रष्टाचार के खिलाफ मजबूती से आवाज उठाई है। न डरान झुका । किसानों के खिलाफ बनाए काले क़ानून पर संसद में आवाज उठाई तो मुझे सस्पेंड कर दिया, गुजरात में जहरीली शराब से हुई मौत का मुद्दा उठाया तो मुझे सस्पेंड कर दिया गया, मणिपुर में कारगिल योद्धा की पत्नी के साथ हुई दरिंदगी का मुद्दा उठाया तो मुझे कई महीनो से सस्पेंड किया हुआ है। क्या मणिपुर की हिंसा पर आवाज उठाना जुर्म है

मोदी जी अगर यह लाखों-करोड़ शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी और किसानी जैसी देश की जरूरत पर खर्च करें तो भारत दुनिया का नं. 1  देश बन सकता है। आपको तो बीजेपी कहती है 5 किलो राशन लो और चुप रहो । मैंने यह तमाम तीखे सवाल सत्ता की आंखों में आंख डालकर निर्भीकता से पूछे लेकिन जो बात मोदी जी को सबसे ज्यादा बुरी लगी, वह था अडानी पर सवाल उठाना। आपको याद होगा मैंनें अडानी पर भ्रष्टाचार के आरोपों की सीरीज चलाई थी। इसके तमाम सच और प्रमाण मैंनें सामने रखे थे। मैंनें मोदी सरकार से इन आरोपों की जांच करने की मांग की। ED CBI को चिट्ठी लिखी, संसद में मामला उठाया। 

ED नें 8 सालों में 3 हजार छापे मारी की और मात्र 0.5 % लोगों पर आरोप सिद्ध हुआ। दिनेश अरोड़ा जो खुद ED और CBI के FIR में आरोपी है। उसको पहले CBI ने गिरफ्तार किया फिर सरकारी गवाह बनाया। CBI ने एक नहीं कई बयान दिनेश अरोड़ा के दर्ज किये। दिनेश अरोड़ा ने मेरे ऊपर कोई आरोप नहीं लगाया। ED ने भी दिनेश अरोड़ा से पूछताछ की, ED में भी दिनेश अरोड़ा के कई बयान दर्ज हुए। उसने मेरे खिलाफ कोई बयान नहीं दिया। अचानक एक दिन सीबीआई के सरकारी गवाह दिनेश अरोड़ा को ED के द्वारा गिरफ्तार किया जाता है, उसको जेल में रखा जाता और दिनेश अरोड़ा से मेरे खिलाफ झूठा,  बेबुनियाद, निराधार आरोपों का बयान लेती है। उसके बाद दिनेश अरोड़ा को आसानी से जमानत मिल जाती है। जो दिनेश अरोड़ा 13 बार ईडी, सीबीआई में लगभग 1 साल तक बार-बार बयान देता है और मेरे ऊपर कोई आरोप नहीं लगाता, वह दिनेश अरोड़ा अचानक ED के सामने  बेबुनियाद आरोप कैसे लगाता है?

उसको जेल में क्यों डाला गया और अचानक जमानत कैसे मिल गई? उसकी जमानत का विरोध ईडी ने क्यों नहीं किया? यह बात हर कोई आसानी से समझ सकता है। 

अगर मैं इतना खतरनाक व्यक्ति हूं तो मुझे पहले कभी नोटिस या समन क्यों नहीं दिया गया। अगर मैं इतना बड़ा अपराधी हूं तो मुझे पहले गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया। मतलब साफ है भारी दबाव था। Ed ने आठ दिनों तक अपनी कस्टडी में रखा मात्र 3 घंटे कुल आठ दिनों में पूछताछ की। 

मैं सच्चाई के रास्ते पर हूं। पूरा जीवन देश और समाज की सेवा का संकल्प लिया है। रक्तदान श्रमदान से लेकर राष्ट्रीय आपदाओं तक में अपनी भूमिका निभाई। मैं हर लड़ाई लड़ने को तैयार हूं, आप भी अपनी आवाज बुलंद कीजिए, जय हिंद!

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