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कौन थे ‘बिग बुल’ राकेश झुनझुनवाला, परिवार के लिए कितनी संपत्ति छोड़कर गए

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नई दिल्ली। देश के दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला ने आज दुनिया को अलविदा कह दिया। मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में उन्होंने आज सुबह आखिरी सांस ली। उनका निधन किन कारणों से हुआ है, अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है। झुनझुनवाला 62 साल के थे। झुनझुनवाला ने हाल ही में अकासा एयरलाइन की शुरुआत की थी। आइए जानते हैं झुनझुनवाला के परिवार में कौन-कौन है? उनके बच्चे क्या करते हैं? माता-पिता क्या करते थे?  

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पिता थे इनकम टैक्स ऑफिसर  
राकेश झुनझुनवाला का जन्म पांच जुलाई 1960 को हैदराबाद में हुआ था। पिता राधेश्यामजी झुनझुनवाला एक इनकम टैक्स अफसर थे। राजस्थानी परिवार में जन्मे राकेश की मां का नाम उर्मिला झुनझुनवाला था। 
  
1985 में झुनझुनवाला जब कॉलेज में पढ़ रहे थे तभी से शेयर बाजार में निवेश करना शुरू कर दिया था। 22 फरवरी 1987 को उनकी शादी रेखा झुनझुनवाला से हुई। दोनों की एक बेटी और दो जुड़वा बेटे हैं। बेटी निष्ठा का जन्म शादी के 17 साल बाद 30 जून 2004 को हुआ था। 2009 में राकेश और रेखा के जुड़वा बेटों आर्यमन और आर्यवीर का जन्म हुआ।

बच्चे के लिए पत्नी ने लिया आईवीएफ का सहारा
शादी के बाद कई वर्षों तक राकेश और रेखा को संतान नहीं हुई। बच्चे की चाहत में दोनों ने आईवीएफ का भी सहारा लिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक दो नहीं बल्कि छह बार रेखा ने आईवीएफ के जरिये बच्चे की कोशिश की। तब जाकर उनकी बेटी नताशा का जन्म हुआ।

पत्नी के नाम पर शुरू की स्टॉक ट्रेडिंग फर्म
2003 में राकेश झुनझुनवाला ने अपनी खुद की स्टॉक ट्रेडिंग फर्म RARE इंटरप्राइसेस शुरू की। ये फर्म राकेश और उनकी पत्नी रेखा के नाम पर बनी है। RA यानी राकेश और RE यानी रेखा झुनझुनवाला। रेखा झुनझुनवाला भी एक स्टॉक मार्केट इन्वेस्टर हैं। दोनों ने 1987 में शादी की थी। रेखा का भी अपने पति की तरह ही कई कंपनियों में स्टेक है। हाल ही में शुरू हुई विमानन कंपनी अकासा में भी राकेश की पत्नी रेखा सबसे बड़ी हिस्सेदार हैं। राकेश और रेखा की अकासा में कुल हिस्सेदारी 45.97 फीसदी है।

बड़े भाई सीए, दो बहनें भी हैं
राकेश झुनझुनवाला के बड़े भाई राजेश चार्टेड अकाउंटेंट हैं। इसके अलावा राकेश झुनझुनवाला की दो बहनें भी हैं। बहनों के बारे में सार्वजनिक तौर पर कुछ खास जानकारी नहीं है। 

महज पांच हजार से की थी निवेश की शुरुआत
दिवंगत राकेश झुनझुनवाला ने निवेश की दुनिया में साल 1985 में कदम रखा था। इस दौरान उन्होंने महज पांच हजार रुपये से निवेश की शुरुआत की थी और आज उनकी कुल नेटवर्थ 41 हजार करोड़ रुपये से अधिक की है।  झुनझुनवाला ने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट से सीए की डिग्री भी ली। बताया जाता है कि शेयर बाजार में झुनझुनवाला की दिलचस्पी पिता के कारण हुई। उनके पिता टैक्स ऑफिसर थे। उनके पिता अक्सर अपने दोस्तों के साथ शेयर बाजार की बातें किया करते थे। झुनझुनवाला अपने पिता की बातें गौर से सुनते थे। इसके बाद से उन्होंने दलाल स्ट्रीट को समझना शुरू कर दिया और यहीं से उन्होंने निवेश की दुनिया में उड़ान भरनी शुरू कर दी। निवेश की दुनिया में जब उन्हें फायदा होने लगा तो  उन्हें पक्का  यकीन हो गया कि अगर कहीं से बड़ा पैसा बनाया जा सकता है तो वह सिर्फ यही जगह है।

शुरू में टाटा के शेयर ने करा दिया जबरदस्त मुनाफा 
झुनझुनवाला शुरू से ही रिस्क लेने वाले थे। उसने अपने भाई के ग्राहकों से बैंक सावधि जमा की तुलना में अधिक रिटर्न के साथ इसे वापस करने के वादे के साथ पैसे उधार लिए। 1986 में, उन्होंने अपना पहला महत्वपूर्ण लाभ तब कमाया जब उन्होंने 43 रुपये में टाटा टी के 5,000 शेयर खरीदे और तीन महीने के भीतर स्टॉक बढ़कर 143 रुपये हो गया। उसने अपने पैसे से तीन गुना से अधिक कमाया। उन्होंने तीन साल में 20-25 लाख कमाए। झुनझुनवाला ने पिछले कुछ वर्षों में टाइटन, क्रिसिल, सेसा गोवा, प्राज इंडस्ट्रीज, अरबिंदो फार्मा और एनसीसी में सफलतापूर्वक निवेश किया है।

ऐसे बने शेयर मार्केट के बिग बुल
राकेश झुनझुनवाला महज तीन साल में ही शेयर में पैसे लगाकर करोड़ों का मुनाफा कमा लिया। इसके बाद उन्होंने आए कई कंपनियों में दांव लगाए और खूब लाभ कमाया। लेकिन झुनझुनवाला को जिसने बिग बुल बनाया वह थी टाटा की टाइटन कंपनी। दरअसल, झुनझुनवाला ने साल 2003 में टाटा समूह की कंपनी टाइटन में पैसा लगाए थे। उस वक्त उन्होंने महज तीन रुपये के हिसाब से टाइटन के छह करोड़ शेयर खरीद लिए थे जिसकी वैल्यू 7000 करोड़ रुपये से अधिक हो गई।

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