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कोडिंग का बादशाह बना 12 साल का छात्र, छात्र बना कोडिंग गुरु

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नई दिल्ली। कहते है कि हुनर और कबलियत उम्र की मोहताज नहीं होती।ये साबित कर दिखाया आगरा के 12 साल के देवांश ने जिसने कोडिंग की दुनिया में महारत हासिल कर अब तक 150 से ज्यादा पुरुस्कार हासिल कर परिवार का नाम रोशन किया।

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दरअसल आगरा के मलपुरा क्षेत्र के बरारा गांव में रहने वाले लखन सिंह के 12 वर्षीय बेटे देवांश ने बिना प्राइमरी शिक्षा के 9th क्लास से पढ़ाई की शुरुआत की और महज 5 साल की उम्र में कंप्यूटर पर अपने जौहर दिखाना शुरू कर दिया,अभी देवांश 12 क्लास में पढ़ाई कर रहे है।

देवांश ने कंप्यूटर में कोडिंग का काम शुरू किया और बिना किसी सहारे के अब तक 10 से ज्यादा एप बना चुके है जिसमे से कई एप प्ले स्टोर पर भी है,अपनी इसी उपलब्धि के चलते देवांश अब तक 150 से ज्यादा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरुस्कार प्राप्त कर चुके हैं।

आपको बता दें की 12 साल के देवांश खुद एक एकडमी चला रहे है जहां वो 70 बच्चो को मुफ्त कोडिंग की शिक्षा दे रहे है और अब तक ऑनलाइन 500 से ज्यादा बच्चो को कोडिंग की शिक्षा दे चुके है, उनके कुछ छात्र भी अब तक कई एप बना चुके है और पुरुस्कार पा चुके हैं।

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