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CAA RULES: 4 साल बाद CAA लागू करने की तैयारी में सरकार, लोकसभा चुनाव से पहले अमल में आएगा एक्ट!

CAA RULES: Government preparing to implement CAA after 4 years, the act will come into effect before Lok Sabha elections!

CAA RULES: Government preparing to implement CAA after 4 years, the act will come into effect before Lok Sabha elections!

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CAA RULES: लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है। चुनाव से पहले सरकार CAA को लेकर बड़ा फैसला कर सकती है। केंद्र सरकार के सीनियर सरकारी अफसर ने कानून को लेकर बयान दिया है। उन्होंने बताया कि लोकसभा इलेक्शन से काफी पहले CAA के नियम अधिसूचित कर दिए जाएंगे। उन्होंने कहा, “एक बार नियम जारी होने के बाद, कानून को लागू किया जा सकेगा। सीएए लागू होने के बाद नियमों के तहत पात्र लोगों को भारत की नागरिकता भी दी जा सकेगी।”

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CAA RULES:

CAA के तहत ऑनलाइन होगी आवेदन की प्रक्रिया

सरकारी अधिकारी के मुताबिक पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। इसके लिए ऑनलाइन पोर्टल भी तैयार किया गया है। आवेदकों को वह साल बताना होगा, जब उन्होंने दस्तावेजों के बिना भारत में प्रवेश किया था। हालांकि, आवेदकों से कोई दस्तावेज नहीं मांगे जाएंगे।

CAA आखिर है क्या?

नागरिक सुरक्ष कानून हमारे तीन पड़ोसी देशों (पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश) के उन अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देने का रास्ता खोलता है जिन्होने लंबे समय से भारत में शरण ली हुई है। इस कानून में किसी भी भारतीय, चाहे वह किसी भी मजहब का हो, की नागरिकता छीनने का कोई प्रावधान नहीं है।

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राष्ट्रपति की मजूंरी के बाद जमकर हुआ था विरोध प्रदर्शन

संसद के दोनों सदनों से मंजूरी मिलने के बाद दिसंबर 2019 में नागरिकता संशोधन कानून को राष्ट्रपति की मंजूरी मिली। लेकिन मंजूरी मिलते ही देश के कई हिस्सो में इसका जमकर विरोध हुआ। लोगों ने सड़कों पर उतरकर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शकारियों और पुलिस की हिंसक झड़प के दौरान 100 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गवाई थी।

9 राज्यों में अल्पसंख्सकों को दी जा सकती है नागरिकता

गृह मंत्रालय के मुताबिक नौ राज्यों में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता दी जा सकती है। इन राज्यों में गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और महाराष्ट्र शामिल हैं। इन राज्यों के जिला मजिस्ट्रेटों और गृह सचिवों को नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत भारतीय नागरिकता देने की शक्तियां दी गई हैं।

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