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जादवपुर यूनिवर्सिटी रैगिंग मामले में प्रशासन ने लिया बड़ा फैसला, अब फ्रेशर्स के लिए होगा अलग हॉस्टल

जादवपुर यूनिवर्सिटी रैगिंग मामले में प्रशासन ने लिया बड़ा फैसला, अब फ्रेशर्स के लिए होगा अलग हॉस्टल

जादवपुर यूनिवर्सिटी रैगिंग मामले में प्रशासन ने लिया बड़ा फैसला, अब फ्रेशर्स के लिए होगा अलग हॉस्टल

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जादवपुर यूनिवर्सिटी में एक छात्र की मौत से पूरे राज्य में हड़कंप मचा हुआ है। हर कोई एक स्वस्थ परिसर देखना चाहता है यूनिवर्सिटी में। वहीं पुलिस पूरे मामले की छानबीन में जुटी है। लेकिन जादवपुर यूनिवर्सिटी में अभी भी एक ऐसी तस्वीर निकलकर सामने आ रही है। जो की चौंकाने वाला है। बता दें कि जादवपुर यूनिवर्सिटी मेन हॉस्टल के पास तालाब में अभी भी शराब की बोतलें पढ़ी हुई हैं। दरअसल, हॉस्टल की तीसरी मंजिल से गिरकर साढ़े सत्रह वर्षीय छात्र की मौत हो गई थी। जादवपुर की घटना के बाद से राज्य के अन्य विश्वविद्यालय और प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों में बवाल मच गया है।

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वहीं अब सवाल ये भी उठ रहा है कि क्या यह विश्वविद्यालय है या नशे का अखाड़ा? शैक्षणिक क्षेत्र में नशीली दवाओं की इतनी बाढ़ क्यों है?

जादवपुर यूनिवर्सिटी में एक छात्र की मौत के बाद सनसनी बनी हुई है। जादवपुर यूनिवर्सिटी में रैगिंग में छात्र की मौत के बाद अब विश्वविद्यालय प्रशासन की नींद टूटी है। बता दें कि फ्रेशर्स के छात्रों के लिए अलग हॉस्टल के साथ-साथ यूनिवर्सिटी कैंपस और हॉस्टल में सीसीटीवी लगाने का निर्णय लिया गया है। वहीं इस बीच पुलिस ने इस घटना के मामले में तीन और छात्रों को गिरफ्तार किया है।

जादवपुर यूनिवर्सिटी में छात्र की मौत के बाद विभिन्न राजनीतिक दल और छात्र संगठनों द्वारा लगातार विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। इस बीच यूनिवर्सिटी परिसर में सीसीटीवी नहीं होने को लेकर सवाल किये जा रहे हैं। हालांकि, यूनिवर्सिटी ने इसे लेकर दिशा-निर्देश जारी किया है। परिसर में लगे खराब सीसीटीवी कैमरे की जांच की जा रही है। जादवपुर घटना के बाद दूसरे विश्वविद्यालय भी अपने पिछले निर्णयों की फिर से समीक्षा कर रहे हैं।

वहीं जादवपुर यूनिवर्सिटी के बंगाली प्रथम वर्ष के छात्र की मौत के मामले में टैक्सी ड्राइवर का बयान सामने आया। टैक्सी ड्राइवर ने बताया कि छात्र दर्द से तड़प रहा था और खून से लथपथ था। इस मामले में पुलिस ने टैक्सी ड्राइवर से पूछताछ की है।

टैक्सी चालक का बयान महत्वपूर्ण माना जा रहा है। उन्होंने दावा किया, ” कुछ लोग एक लड़के को मेरी टैक्सी तक ले गए। मैंने उन्हें अस्पताल छोड़ दिया और किराया लेकर वहां से चला गया। पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि अगर टैक्सी ड्राइवर का दावा सही है तो घटना के एक से अधिक चश्मदीद होने पर यह प्रभावी होगा। हॉस्टल के छात्रों और उस दिन मौके पर मौजूद अन्य लोगों में से टैक्सी ड्राइवर एकमात्र बाहरी व्यक्ति था।

पश्चिम बंगाल के जादवपुर यूनिवर्सिटी में छात्र की रैगिंग से मौत के मामले में पुलिस ने अब तक नौ छात्रों को गिरफ्तार किया है, लेकिन छात्रों से पूछताछ के बाद अलग-अलग बातें सामने आ रही हैं। उनके बयान में विसंगतियां हैं। बता दें कि पुलिस ने उन्हें साथ बैठाकर पूछताछ करेगी और पूरी घटना का री-क्रिएशन करेगी।

पुलिस यह भी देख रही है कि क्या मृत छात्र को भी ऐसी पीड़ा दी गई थी। और क्या पीड़ा में कोई और भी शामिल था। जांचकर्ताओं को पता चला कि छात्रावास में एक ‘आपातकालीन बैठक’ आयोजित की गई थी। जब 9 अगस्त की रात को गिरने के बाद अचेत अवस्था में  छात्र को अस्पताल ले जाया गया था। जिस बैठक का ‘मेजबान’ एक आरोपी सौरभ चौधरी था। बता दें कि फिलहाल उसे गिरफ्तार कर लिया गया है और पुलिस हिरासत में है। पुलिस इस मामले में क्या कहती है यह चर्चा का मुख्य विषय है। हालांकि पकड़े जाने के बाद आरोपियों के बयानों में कई विसंगतियां पाई गईं हैं।

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