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एक ही संपत्ति के कई बार गिफ्ट डीड कराने के 1600 मामले आए सामने, योगी सरकार कर रही विचार

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उत्तरप्रदेश में एक ही प्रॉपर्टी की कई बार गिफ्ट डीड कराने के 1600 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। ऐसे में इसकी जांच की जिम्मेदारी आयकर विभाग को सौंप दी गई है।

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रक्त-संबंधों में गिफ्ट डीड के नाम पर 1600 लोगों ने झोल कर दिया। एक ही प्रॉपर्टी की कई-कई बार गिफ्ट डीड कर स्टांप चोरी की गई है। ऐसे सभी मामले आयकर विभाग को जांच के लिए भेज दिए गया है। इस गैर-कानूनी काम पर रोक लगाने के लिए ”एक प्रापर्टी-एक गिफ्ट डीड” के प्रस्ताव पर विचार शुरू हो गया है।

आपको बता दें कि ट्रायल पीरियड के दौरान करीब 1600 लोगों ने एक ही प्रापर्टी की तीन-तीन बार गिफ्ड डीड कर राजस्व चोरी कर ली। करोड़ों की प्रापर्टी पहले व्यक्ति ने पांच हजार में रक्त-संबंधी के नाम की। फिर उस संबंधी ने दूसरे रक्त-संबंधी के नाम कर दी। दूसरे व्यक्ति ने उसी प्रापर्टी की तीसरी बार गिफ्ट डीड कर दी। 
इस तरह महज 15 हजार रुपए में करोड़ों की प्रॉपर्टी इधर से उधर हो गई। इन सभी मामलों को आयकर विभाग के पास भेजा गया है, जिनकी जांच की जा रही है। साथ ही इस खेल पर रोक लगाने के लिए गिफ्ड डीड केवल एक बार ही करने का विचार किया जा रहा है। यानी एक प्रॉपर्टी की गिफ्ड डीड केवल एक बार ही हो सकेगी। उसे दोबारा ट्रांसफर करने पर पूरी स्टांप ड्यूटी देनी पड़ेगी। सरकार ये कदम प्रापर्टी को लेकर बढ़ते पारिवारिक विवाद रोकने के लिए उठा सकती है।

इसे लागू करते वक्त ये माना गया कि ट्रायल पीरियड में लगभग 350 करोड़ रुपये का नुकसान सरकार को होगा। लेकिन, सरकार के इस फैसले के अप्रत्याशित परिणाम आए। ट्रायल पीरियड में 1140 करोड़ रुपये का राजस्व आ गया। 2.58 लाख परिवारों ने गिफ्ट डीड का लाभ उठाया। अब इसे स्थायी रूप से लाने पर विचार हो रहा है। जिन्होंने स्टांप बचाने के लिए कई-कई बार गिफ्ट डीड की है, उनकी जांच आयकर विभाग कर रहा है। एक प्रापर्टी पर एक ही गिफ्ट डीड का विचार योगी सरकार कर रही है।

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