पीएम की सुरक्षा में चूक मामले में बोले भूपेश बघेल, क्या किसानों पर गोली चला देते ?
प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुई चूक मामले में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कई सवाल उठाए हैं। उन्होंने मामले में केंद्र सरकार से तीन सवाल किए हैं।
देश पहले, पार्टियां बाद में
उन्होंने कहा, “देश पहले, पार्टियां बाद में हैं। इसलिए प्रधानमंत्री की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है, इसलिए उसमें किसी प्रकार से कोई चूक नहीं होनी चाहिए। लेकिन सबसे पहली बात ये है कि मौसम ख़राब होने की जानकारी आपको दी गई या नहीं दी गई और अगर नहीं दी गई तो उसके ख़िलाफ़ आप क्या कार्रवाई कर रहे हैं। दूसरी बात ये है कि जिन्होंने आपका कार्यक्रम बनाया, उन्होंने हेलीकॉप्टर से ले जाने की बात क्यों की जब मौसम ख़राब था। तीसरा ये कि आप दिल्ली से निकलते ही ये सूचना दे देते कि आप सड़क मार्ग से जाएंगे, आप तो ये एयरपोर्ट पर तय करते हैं कि हमको सड़क मार्ग से जाना चाहिए. पाकिस्तान बोर्डर से केवल 10 किलोमीटर की दूरी पर हमारी सुरक्षा एजेंसियां इस तरह का रिस्क क्यों ले रही हैं, उनके ख़िलाफ़ क्या कार्रवाई हो रही है।”
ऐसे पद पर बैठकर नहीं शोभा देती ये बातें
खुफिया एजंसियों पर सवाल खड़ा करते हुए बघेल ने कहा, “आईबी ने वो सारी सूचनाएं क्यों नहीं दी थी। आप अपनी एजेंसियों पर पहले कार्रवाई करें। और जान बच गई? आपके ख़िलाफ़ कौन सा हमला हुआ था और अगर आपको सूचना थी कि आगे जान का ख़तरा है तो आप गए क्यों? आपकी एजेंसी क्या कर रही थी? आप केवल राजनीति करने गए थे, ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। जिस पद पर आप बैठे हैं, जो पद आपने धारण किया है, उस जगह बैठकर इस प्रकार की बात करना आपको कतई शोभा नहीं देता।”
क्या किसानों पर गोली चला देते ?
पीएम के काफिले में प्रदर्शन कर रहे किसानों को लेकर छत्तीसगढ़ के सीएम ने कहा, “उन्हीं के द्वारा नियुक्त किए गए मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक जी ने जो बातें कही हैं। उन्होंने कहा कि मेरे लिए थोड़े ही मरे हैं ये लोग। 500 लोग मेरे लिए थोड़ी न मरे हैं। भारतीय जनता पार्टी के मन में किसानों के प्रति क्या भावना है? वो स्पष्ट है। क्या जो किसान वहां बैठे थे, उन पर गोली चला दी जाए? उनके सिर फोड़ दिए जाएं क्योंकि प्रधानमंत्री को अपने कार्यक्रम में जाना है। आपकी मानसिकता वही है कि किसान आपकी नज़र में कुछ भी नहीं है।”
पीएम की सुरक्षा में तैनात थे 10,000 जवान
पंजाब सरकार की सुरक्षा की जिम्मेदारी के साथ पीएम के सड़क रूट लेने के सवाल पर भूपेश बघेल ने कहा, “जो जानकारी दी गई, उससे कार्यक्रम स्थल, हेलीपैड और हुसैनीवाली, तीन जगह सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई थी। उन तीन जगहों पर आवश्यक अधिकारियों की तैनाती की गई थी। 20 आईपीएस और 10 हज़ार जवान लगे थे। तीनों जगह सुरक्षा देने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की थी और उन्होंने ये इंतज़ाम भी किया। एयरपोर्ट पर अचानक आपने कहा कि आप सड़क के रास्ते जाएंगे। सड़क के रास्ते आप 100 किलोमीटर चले भी गए। अभी तक कोई प्रधानमंत्री 30-40 किलोमीटर सड़क के रास्ते गया है। खुद भी कभी 40 किलोमीटर सड़क के रास्ते गए हैं?”
सुरक्षा था बहाना, मकसद था राजनीति चमकाना
पीएम की सुरक्षा व्यवस्था और जाम में फंसने के सवाल पर उन्होंने कहा, “ये बयान देते हैं प्रधानमंत्री कि मैं सुरक्षित लौट आया हूं, इसलिए धन्यवाद। आपको कौन सा ख़तरा हो गया था? क्या आपकी गाड़ी पर पथराव हो गया था? क्या आपको काले झंडे दिखाए गए? ऐसी कौन सी घटना घट गई थी कि आपको ये बयान देने की ज़रूरत पड़ गई? इसका मतलब ये है कि आप विशुद्ध रूप से राजनीति कर रहे हैं? सुरक्षा तो केवल एक बहाना है, आप वहां केवल राजनीति चमकाने गए थे। इसके अलावा आपका मक़सद और कुछ भी नहीं। इससे पहले क्या प्रधानमंत्री जाम में नहीं फंसे थे, मेट्रो का उद्घाटन करने गए थे 2017 में तो क्या जाम में नहीं फंसे थे। क्या दिल्ली में दो बार आप जाम में नहीं फंसे थे? तब आपके लोग कहते थे कि प्रधानमंत्री भी आम नागरिक की तरह हैं।”
कार्यक्रम में पहुंचे थे केवल 700 लोग
“मुख्य बात ये थी कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में भीड़ थी ही नहीं। जहां 14 महीने से पंजाब और हरियाणा के किसान सिंघु बॉर्डर में बैठे हुए थे, जहां 700 किसानों की शहादत हो जाती है, पूरे पंजाब के गांव-गांव में प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के ख़िलाफ़ वातावरण है, उसको आप जान रहे हैं, उसके बावजूद आप सड़क मार्ग से जाने का फ़ैसला करते हैं। वो भी अचानक. 100 किलोमीटर जाने के बाद ये पता चलता है कि वहां 700 लोग ही इकट्ठा हैं।”
हमने तो झीरम हमले में अपनी लीडरशिप खोई है
झीरम घाटी में पूरी पीढ़ी समाप्त हो गई थी। जहां सुरक्षा देनी थी वहीं सुरक्षा नहीं दी गई थी।
किसानों की शहादत को वहां के लोग कैसे भूल जाएंगे
जब भीड़ नहीं थी तो क्या कुर्सियों को भाषण देने जा रहे थे
यहां भी पढ़ें: प्रधानमंत्री की सुरक्षा चूक मामले में कांग्रेस-बीजेपी में रार