Bheel Tribes : औरंगजेब के खिलाफ युद्ध करने वाला भील समुदाय, जानें किसके हैं वंशज ?

Bheel Tribes
Bheel Tribes : भील एक क्षत्रिय जनजाति है जो कि भारत और पाकिस्तान में रहती है। इस जनजाति के लोगों को एक पदवी के तौर पर राणा भी कहा जाता है। भील समुदाय के लोग अपना उपनाम राणा लगाते है। विहिल वंश के नाम से प्रसिद्ध भील समुदाय की भारत के प्राचीनतम जनसमूहों की गणना पुरातन काल में राजवंशों में की जाती थी। यह मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ की एक अनुसूचित जनजाती है।
यह समुदाय भारत की सर्वाधिक विस्तृत क्षेत्र में फैली हुई है। भील जनजाती भगवान महादेव पार्वती के वंशज है। माता पार्वती के पिता जी भील राजा हिमाजल के नाम पर भारत के राज्य हिमाचल का नाम रखा गया था। इस जनजाति को “ भारत का बहादुर धनुष पुरुष और योद्धा ” कहा जाता है। प्राचीन समय में भील जनजाति का शासन शिवी जनपद था जो की अब मेवाड़ के नाम से जाना जाता है। भील राजाओं की मध्यकाल में स्वतंत्र रूप से सत्ता थी। मालवा के भील राजा हाथी पर सवार विंध्य क्षेत्र से होकर युद्ध करने जाया करते थे।
भील है द्रविड़ों से पहले के निवासी
भीलों का एक लम्बा इतिहास है, कुछ ने इन्हें भारत के द्रविड़ों से भी पहले का निवासी बताया तो कुछ ने उन्हें ही द्रविड़ बताया। भील के वंशज अजमेर में स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के खादिम है। भील ही थे जिन्होंने मेवाड़ राजपूतों के साथ मिलकर अकबर और बाबर के खिलाफ युद्ध किया था। जब उदयपुर पर औरंगजेब ने हमला किया तब भील की 50 हज़ार की संख्या वाली सेना ने उसके खिलाफ युद्ध किया। इस समुदाय का शासन पहाड़ी इलाकों में था। इसके अतिरिक्त मुख्यता उनका शासन गुजरात, महाराष्ट्र, दक्षिण राजस्थान, मालवा और ओडिशा में था। भीलों से संबंधित भिलंगना में भील्लेश्वर महादेव मंदिर है।
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