सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का बदरीनाथ धाम पर विवादित बयान, CM पुष्कर सिंह धामी ने किया पलटवार
समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर विवादित टिप्पणी की है। उन्होंने श्री बद्रीनाथ धाम को बौद्ध मंदिर बताया है। इसके बाद देवभूमि उत्तराखंड में तीर्थ-पुरोहित समाज में तीखी प्रतिक्रिया हुई है। सपा नेता मौर्य पहले भी सनातन विरोधी बयान दे चुके हैं। हाल ही में उन्होंने आदि शंकराचार्य और बद्रीनाथ धाम के विषय में विवादास्पद बयान दिया। उन्होंने कहा कि बद्रीनाथ का मंदिर पहले बौद्ध मठ था, जिसके विरोध में बद्रीनाथ में तीर्थ पुरोहित महापंचायत की बैठक हुई और मौर्य के बयान की भर्त्सना की गई।
महापंचायत ने कहा कि बयान देने से पहले स्वामी प्रसाद मौर्य सनातन धर्म का इतिहास पढ़ लें। ऐसा लगता है कि उन्होंने पीएफआई का लिखा इतिहास पढ़ लिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान की निंदा करते हुए कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसे लोग राजनीति कर रहे हैं, जिन्हें सनातन धर्म का कोई ज्ञान नहीं है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने स्वामी प्रसाद मौर्य को अज्ञानी नेता बताते हुए कहा कि ऐसे लोग ही अधर्मी होते है और एक दिन अपने कृत्यों पर पछतावा करते हैं।
स्वामी प्रसाद के बयान पर मुख्यमंत्री धामी का पलटवार
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पलटवार किया है।
उन्होंने कहा कि ‘महाठगबंधन’ में शामिल समाजवादी पार्टी के एक नेता का बयान कांग्रेस और सहयोगियों की देश और धर्म विरोधी सोच को दर्शाता है। उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य के बदरीनाथ धाम (Badrinath Dham) पर की गई टिप्पणी को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बदरीनाथ धाम करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। ऐसे में स्वामी प्रसाद मौर्य का विचार विपक्षी दलों में सिमी ( SIMI) और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) की विचारधारा के वर्चस्व को भी प्रकट करता है।
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