‘अब आतंकी जहां मारे जाते हैं, वहीं दफन होते हैं’, राज्यसभा में बोले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह

केंद्रीह गृह मंत्री अमित शाह
Amit Shah : केंद्रीह गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार (21 मार्च) को देश की सुरक्षा को लेकर राज्यसभा में भाषण दिया। उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल में सुरक्षा और मजबूत हुई। शाह ने कहा, “समय के हिसाब से बदलाव जरूरी होता है। हम हर एक चुनौती से निपट रहे हैं। हमने पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की। कई अपराध सीमा के बाहर हो रहे हैं। चार दशक से देश में 3 नासूर थे। जम्मू कश्मीर में आतंकवाद पहला नासूर था। दूसरा नक्सलवाद और उत्तर पूर्व उग्रवाद तीसरा नासूर था। हमने पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की। हमने जम्मू कश्मीर से धारा 370 को खत्म किया। पहले की सरकार आतंकी हमलों को भूल जाती थी।”
अब आतंकी जहां मरते हैं, वहीं दफन होते हैं
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार आतंकवाद के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर काम कर रही है। उन्होंने कहा, “हमने आतंकवाद को करारा जवाब दिया है और एक देश में दो विधान की व्यवस्था को समाप्त किया। पहले की सरकारों ने वोट बैंक की राजनीति के कारण अनुच्छेद 370 को नहीं हटाया, लेकिन अब लाल चौक पर तिरंगा लहरा रहा है। पहले आतंकवादियों के समर्थन में जुलूस निकलते थे, लेकिन अब आतंकी जहां मारे जाते हैं, वहीं दफन होते हैं।”
2025 में कश्मीर में एक भी हड़ताल नहीं हुआ
अमित शाह ने कहा कि 2025 में कश्मीर में एक भी हड़ताल नहीं हुई। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार आतंकवाद और आतंकवादियों को कतई बर्दाश्त नहीं करती। अब कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया मजबूत हो रही है, जनप्रतिनिधि चुने जा रहे हैं, और निवेश का माहौल बन रहा है। पहले जहां चुनाव के दौरान हिंसा होती थी, अब बिना एक भी गोली चले मतदान संपन्न होता है। हमने कश्मीर में बंद पड़े सिनेमाघरों को भी फिर से खोला है।”
नक्सलवाद खत्म करने की दे डाली डेडलाइन
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हमारा मकसद नक्सलवाद को खत्म करना हैं। उन्होंने कहा, टेक्नोलॉजी से नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद खत्म होगा। जहां सूर्य भी नहीं पहुंचते वहां हमारे जवान तैनात हैं। छत्तीसगढ़ में सरकार बदलने के एक ही साल में 380 नक्सली मारे गए, जिसमें कल के 30 जोड़ना बाकी है। 1145 नक्सली गिफ्तार हुए और 1045 नक्सलियों ने सरेंडर किया। ये सब करने में 26 सुरक्षाबल हताहत हुए। छत्तीसगढ़ के बीजापुर और कांकेर जिले में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में 30 नक्सली मारे गए थे।
शाह ने जवानों को श्रद्धांजलि दी
शाह ने कहा, 21 सदस्यों ने यहां अपने विचार प्रस्तुत किए हैं। एक तरह से गृह मंत्रालय के अनेक कार्यों के परिमाणों को छूने का प्रयास किया गया है। सबसे पहले मैं देश की आजादी के बाद आंतरिक सुरक्षा और सरहदों की सुरक्षा के लिए जिन राज्य पुलिस और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवानों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है, उन हजारों जवानों को मन पूर्वक श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।
अब अपराध की सीमा राज्य तक सिमित नहीं
अमित शाह ने आगे कहा कि हमारे संविधान में कानून और व्यवस्था की जिम्मेदारी राज्यों पर है। सीमा सुरक्षा और आंतरिक सुरक्षा गृह मंत्रालय के अंतर्गत आती है। यह एक सही निर्णय है। इसमें कोई बदलाव करने की आवश्यकता नहीं है। लेकिन जब कानून और व्यवस्था की जिम्मेदारी राज्यों की है, तो 76 साल बाद अब ऐसी स्थिति है कि कई तरह के अपराध राज्य की सीमा तक सीमित नहीं रह गए हैं, वे अंतरराज्यीय भी हैं और बहुराज्यीय भी हैं- जैसे नारकोटिक्स, साइबर अपराध, संगठित अपराध गिरोह, हवाला। ये सभी अपराध सिर्फ एक राज्य के भीतर नहीं होते हैं। देश में कई अपराध देश के बाहर से भी भारत में किए जाते हैं। इसलिए इन सबको ध्यान में रखते हुए गृह मंत्रालय में बदलाव करना जरूरी हो जाता है।
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