
Haryana CET Exam 2025 : हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) द्वारा आयोजित कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) 2025 के पहले दिन की परीक्षा शांतिपूर्ण और व्यवस्थित ढंग से पूरी हुई. राज्यभर के 22 जिलों और चंडीगढ़ में आयोजित इस परीक्षा में लगभग 6 लाख 75 हजार से अधिक अभ्यर्थियों ने भाग लिया. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के निर्देशों पर इस बार परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा और सुविधाओं की विशेष व्यवस्थाएं की गई थीं, जिससे उम्मीदवारों और उनके परिजनों ने संतोष जताया.
सफल शुरुआत और उच्च उपस्थिति
पहली शिफ्ट में 1,338 केंद्रों पर 3,37,790 अभ्यर्थी शामिल थे, वहीं दूसरी शिफ्ट में 1,336 केंद्रों पर 3,37,261 अभ्यर्थियों ने CET परीक्षा दी. कुल मिलाकर पहली दिन की उपस्थिति लगभग 90 प्रतिशत रही, जो राज्य सरकार की व्यापक तैयारियों और उम्मीदवारों की उत्सुकता को दर्शाती है. यह आंकड़ा CET जैसे बड़े पैमाने पर आयोजित होने वाले आयोजन की सफलता और प्रत्याशियों के विश्वास की मिसाल माना जा सकता है.
HSSC चेयरमैन ने की व्यवस्थाओं की समीक्षा
HSSC के चेयरमैन हिम्मत सिंह ने खुद नूंह, फरीदाबाद, सोनीपत और रोहतक जिलों में परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण किया और व्यवस्थाओं का जायजा लिया. उन्होंने कहा कि परीक्षा सुचारू संचालन के लिए जिला प्रशासन, सामाजिक–धार्मिक संस्थान और अधिवक्ता संघों का सहयोग प्रेरणादायक रहा. परीक्षार्थियों ने व्यवस्था पर संतुष्टि व्यक्त की और कहा कि प्रवेश, सुरक्षा, सफाई एवं समयपालन जैसे मानक इस बार बेहतर बनाए गए थे.
मुख्यमंत्री की निगरानी और विशेष प्रबंध
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने स्वयं सभी परीक्षा केंद्रों की व्यवस्थाओं पर निगरानी रखी और अधिकारियों को सुरक्षा, चिकित्सा सुविधा, समयनिष्ठा व अनुशासन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. इसके अतिरिक्त, परीक्षा केंद्रों में कोविड-19 प्रोटोकॉल, सीसीटीवी निगरानी समेत अन्य व्यवस्थाएं भी सुनिश्चित थीं. इन प्रयासों से यह परीक्षा पारदर्शिता और निष्पक्षता के उच्च मानदंड स्थापित करने में सफल रही.
अगले दिन की तैयारी और भविष्य की दिशा
27 जुलाई को CET परीक्षा का दूसरा दिन भी दो शिफ्टों में आयोजित किया जाएगा. पहले दिन की सफलता को ध्यान में रखते हुए प्रशासन अब अगले दिन की तैयारी में पूरी तरह जुटा हुआ है. CET परीक्षा जैसी प्रणाली युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए मेरिट आधारित चयन प्रक्रिया सुनिश्चित करती है. ऐसी पारदर्शी व्यवस्था अन्य राज्यों के लिए भी उदाहरण बन सकती है.
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