Delhi NCRबड़ी ख़बर

‘वक्फ एक धार्मिक दान है, जो अल्लाह को किया जाता है’ SC में सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने CJI के सामने दी दलील

Delhi : वक्फ संशोधन कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश भूषण रामाकृष्ण गवई और जस्टिस एजी मसीह की पीठ के समक्ष याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने दलीलें पेश कीं।

कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि नए कानून में वक्फ संपत्तियों पर आपत्ति जताने का अधिकार किसी को भी दे दिया गया है, जिससे संपत्ति पर विवाद की स्थिति में वक्फ का अधिकार स्वतः समाप्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि “वक्फ एक धार्मिक दान है जो अल्लाह को किया जाता है। एक बार वक्फ की गई संपत्ति हमेशा वक्फ ही रहती है, इसे किसी अन्य को ट्रांसफर नहीं किया जा सकता।”

उन्होंने यह भी प्रश्न उठाया कि 100-200 साल पुराने वक्फ दस्तावेजों को आज की तारीख में कहां से लाया जाएगा, और इस आधार पर संपत्तियों की वैधता कैसे सिद्ध की जाएगी। याचिकाकर्ताओं की ओर से उन्होंने कहा, “यह हमारी पहचान और डीएनए से जुड़ा मसला है।”

वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों की बहुसंख्या पर भी उठे सवाल

सिब्बल ने यह भी आपत्ति जताई कि नए प्रावधानों के तहत वक्फ काउंसिल और राज्य वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों का बहुमत हो सकता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि राज्य वक्फ बोर्ड में 12 गैर मुस्लिम और 10 मुस्लिम सदस्य हो सकते हैं, जबकि पहले वक्फ से संबंधित पदों पर केवल मुस्लिम ही नियुक्त किए जाते थे।

कपिल सिब्बल ने कहा कि वक्फ करने के लिए कम से कम 5 साल मुस्लिम होना जरूरी कर दिया गया, संपत्ति पर विवाद का निपटारा कलेक्टर करेगा। यह सभी प्रावधान अगर लागू हो गए तो अपूरणीय नुकसान करेंगे। सभी प्रावधानों पर रोक जरूरी है।

विवाद निपटारा और संपत्ति का सरकारी नियंत्रण

मुख्य न्यायाधीश भूषण रामाकृष्ण गवई और जस्टिस एजी मसीह की बेंच के सामने कपिल सिब्बल ने कहा कि अगर वक्फ संपत्ति को लेकर कोई विवाद होता है तो उसका फैसला करने वाला भी सरकार का अधिकारी ही होगा। उन्होंने कहा कि नए कानून के अनुसार कोई भी वक्फ संपत्ति पर आपत्ति जता सकता है। उन्होंने कोर्ट को वक्फ का मतलब समझाते हुए कहा, ‘वक्फ क्या है, यह अल्लाह को किया गया दान है, जिसे किसी और को ट्रांसफर नहीं किया जा सकता। एक बार वक्फ की गई संपत्ति वक्फ ही रहती है।’

CJI गवई ने पूछा- जांच के दौरान संपत्ति सरकार के पास रहेगी?

इस पर मुख्य न्यायाधीश गवई ने सवाल किया कि जब किसी संपत्ति की जांच शुरू होती है, तो क्या वह संपत्ति सरकार के नियंत्रण में चली जाएगी? इस पर सिब्बल ने उत्तर दिया, ‘जी, हां। बिना किसी सुनवाई के ऐसा होगा और संपत्ति को विवादित कोई भी व्यक्ति बता सकता है। जांच होते ही वक्फ बोर्ड का कब्जा खत्म हो जाएगा।

यह भी पढ़ें : सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, हाई कोर्ट के सभी जज फुल पेंशन के होंगे हकदार

Hindi Khabar App: देश, राजनीति, टेक, बॉलीवुड, राष्ट्र,  बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल, ऑटो से जुड़ी ख़बरों को मोबाइल पर पढ़ने के लिए हमारे ऐप को प्ले स्टोर से डाउनलोड कीजिए. हिन्दी ख़बर ऐप

Related Articles

Back to top button