
Waqf Amendment Bill 2025 : पीएम मोदी की 3.0 सरकार ने वक्फ संशोधन विधेयक को लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी डिक्टेंशन के साथ पास करा लिया है। जी हां, वक्फ बिल अब राज्यसभा में भी 128 मतो के साथ पारित हो गया है। वहीं बिल के विरोध 95 वोट पड़े हैं। अब वक्फ कानून बनने से बस एक कदम दूर है। इस बिल को अब राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा, वहां से मंजूरी मिलने के बाद ये बिल कानून बन जाएगा।
उधर राज्यसभा में वक्फ बिल पर चर्चा पूरी होने के बाद अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, वक्फ बोर्ड एक वैधानिक निकाय है और इसे धर्मनिरपेक्ष होना चाहिए। इस बिल से एक भी मुस्लिम का नुकसान नहीं होगा। बल्कि करोड़ों मुसलमानों का फायदा होने वाला है। यह बिल ‘सबका साथ सबका विकास’ के फार्मूले पर तैयार किया गया है।
किरेन रिजिजू ने क्या कहा?
राज्यसभा में वक्फ बिल पर चर्चा में भाग लेते हुए केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर मुस्लिम समुदाय को विधेयक से डराने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र के साथ सभी के लिए काम करती है। रिजिजू ने कहा कि वक्फ बोर्ड एक वैधानिक निकाय है। ऐसे में सभी सरकारी निकायों की तरह यह धर्मनिरपेक्ष होना चाहिए। उन्होंने कहा, वक्फ बोर्ड में कुछ गैर-मुस्लिमों को शामिल करने से बोर्ड के फैसलों में कोई बदलाव नहीं आएगा। बल्कि इससे मूल्य में इजाफा ही होगा।
रिजिजू ने सीएए का दिया उदाहरण
किरेन रिजिजू ने सीएए का उदाहरण देते हुए कहा, जिन्होंने कहा था कि सीएए के पारित होने के बाद मुसलमानों की नागरिकता छिन जाएगी। किसी की नागरिकता छिनी। ये बिल आज पारित हो जाएगा और इससे किसी एक मुसलमान का नुकसान नहीं होने वाला, करोड़ों मुसलमानों का फायदा होने वाला है। वक्फ बोर्ड एक वैधानिक निकाय है और इसे धर्मनिरपेक्ष होना चाहिए।

मंत्री किरेन रिजिजू ने यह भी दावा किया कि वक्फ विधेयक में संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के साथ-साथ हितधारकों की ओर से दिए गए कई सुझावों को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि इस बिल के कानून बनने से देश के एक भी मुसलमान को नुकसान नहीं होगा।
गौरतलब हो कि राज्यसभा में गुरुवार यानी 3 अप्रैल को करीब दोपहर 1 बजे वक्फ बिल पेश किया गया था। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने इस बिल को सदन में पेश किया और चर्चा में भाग लिया। इसके बाद बारी-बारी से सभी राज्यसभा सांसदों ने इस बिल पर अपनी-अपनी राय रखी। यह चर्चा शुक्रवार तड़के तक चली। मैराथन बहस और चर्चा के बाद इस बिल पर वोटिंग हुई। वोटिंग ने साफ कर दिया कि सदन का मन बिल के पक्ष में था।
जगदीप धनखड़ को आसन पर बैठे देख विपक्ष हैरान
वहीं राज्यसभा में जब वक्फ बिल 2025 पर वोटिंग हो रही थी तब रात में विपक्ष के कुछ सदस्य सभापति जगदीप धनखड़ को आसन पर बैठे देख हैरान हो गए। इस पर सभापति धनखड़ ने कहा कि वे अपने आसन पर इसलिए हैं क्योंकि उन्हें वोट डालने का अधिकार है। जब ट्रेजरी बेंच की ओर से कहा गया कि आपको वोट करने की जरूरत नहीं तो सभापति ने कहा, ‘दूर-दूर तक जरूरत नहीं है।’
रात 2 बजकर 32 मिनट पर बिल हुआ पास
बता दें कि वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 राज्यसभा में 4 अप्रैल 2025 को रात 2 बजकर 32 मिनट पर पास हुआ। इस बिल के पक्ष में 128 वोट पड़े, जबकि विरोध में 95 वोट पड़े। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि दिन में करीब 1 बजे ही इस बिल को राज्यसभा सदन के पटल पर रखा गया था।

आपको यह भी बताते चलें कि सेंट्रल वक्फ काउंसिल में 22 मेंबर होंगे जिसमें 4 से ज्यादा नॉन मुस्लिम नहीं होंगे।
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