
RBI MPC Decision: RBI ने दरों में कोई बदलाव नहीं किया- लेकिन बैंकों के लिए CRR घटाकर 4% कियाभारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में लगातार 11वीं बार प्रमुख ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया। रेपो रेट 6.50%, स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी (SDF) रेट 6.25% और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) रेट 6.75% पर स्थिर रखे गए हैं। मौद्रिक नीति पर समिति का रुख ‘न्यूट्रल’ बरकरार है।
क्या है रेपो रेट?
रेपो रेट वह दर होती है जिस पर केंद्रीय बैंक, कमर्शियल बैंकों को अल्पकालिक उधार देता है। इसका इस्तेमाल महंगाई को नियंत्रित करने और आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए किया जाता है। महंगाई को काबू में रखने के लिए रेपो रेट बढ़ाई जाती है, जबकि आर्थिक विकास को प्रोत्साहन देने के लिए इसे घटाया जाता है।
इस बैठक में बैंकों के लिए कैश रिजर्व रेशियो (CRR) 4.5% से घटाकर 4% कर दिया गया है। इस कदम से सिस्टम में अतिरिक्त 1.16 लाख करोड़ रुपए की नकदी उपलब्ध होगी। MPC के 6 में से 4 सदस्यों ने ब्याज दरों में बदलाव न करने के पक्ष में वोट दिया।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वैश्विक व्यापार में सुधार और वॉल्यूम में वृद्धि देखी जा रही है। उन्होंने बताया कि RBI का मुख्य लक्ष्य महंगाई को नियंत्रित रखना है, लेकिन साथ ही आर्थिक वृद्धि सुनिश्चित करना भी जरूरी है।
जीडीपी ग्रोथ प्रोजेक्शन
भारतीय अर्थव्यवस्था में रिकवरी जारी है। हालांकि, दूसरी तिमाही (Q2FY25) में जीडीपी ग्रोथ अनुमान से कम रहा। आरबीआई ने तीसरी तिमाही (Q3FY25) के लिए जीडीपी ग्रोथ प्रोजेक्शन को 7.4% से घटाकर 6.8% कर दिया है। किसानों के लिए कोलेटरल फ्री लोन की सीमा 1.6 लाख से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दी गई है।
RBI की मौद्रिक नीति समिति न केवल रेपो रेट बल्कि रिवर्स रेपो रेट, बैंक रेट, SLR, MSF, SDF, और अन्य नीतिगत दरों की भी समीक्षा करती है। समिति के सभी सदस्य अपनी राय रखते हैं और प्रत्येक को वोट करने का अधिकार होता है। अगर वोट बराबर हो, तो अंतिम फैसला आरबीआई गवर्नर के मत से होता है।
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