
Reaction of PM Modi : 25 को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में घोषित होने के बाद पीएम मोदी ने प्रतिक्रिया दी है. वहीं इस मुद्दे पर उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी अपनी बात रखी है. प्रधानमंत्री मोदी ने 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ घोषित होने पर कहा कि यह याद दिलाएगा कि क्या हुआ था जब भारत के संविधान को कुचल दिया गया था. वहीं अन्य BJP नेताओं ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
PM मोदी ने अपने एक्स हैंडल से ट्वीट किया कि 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाना इस बात की याद दिलाएगा कि क्या हुआ था जब भारत के संविधान को कुचल दिया गया था। यह हर उस व्यक्ति को श्रद्धांजलि देने का भी दिन है, जो आपातकाल की ज्यादतियों के कारण पीड़ित हुए थे, जो भारतीय इतिहास में कांग्रेस द्वारा लाया गया काला दौर था।
25 जून, 1975 को तत्कालीन सरकार द्वारा भारतीय संविधान का अपमान करते हुए देश पर आपातकाल थोपने का अत्यंत निंदनीय कृत्य किया गया था। सत्ता के घमंड में तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा संविधान की हत्या का दुस्साहस लोकतंत्र पर काले धब्बे के रूप में याद किया जाएगा। केंद्र सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय स्वागत योग्य है। यह निर्णय आपातकाल के उस काले दौर में देश के लोकतंत्र की रक्षा करने हेतु अनेक यातनाएं सहकर भी तानाशाही का प्रतिकार करने वाले समस्त आंदोलनकारियों के महान योगदान का स्मरण कराएगा।
केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने कहा, उस रात को हम कभी नहीं भूल सकते और जो निर्णय हुआ है वो बहुत ही अच्छा निर्णय है क्योंकि हमें एक उदाहरण सेट करना है कि भविष्य में कांग्रेस ने जैसा किया वह दोबारा कभी नहीं हो। इसके लिए ये निर्णय लिया गया है ये देश और संविधान के लिए जरूरी है और संविधान की रक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है.
कैबिनेट मंत्री जेपी नड्डा ने कहा 25जून 1975 वह काला दिवस था जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के तानाशाही मानसिकता ने हमारे संविधान में निहित लोकतंत्र की हत्या कर देश पर ‘आपातकाल’ थोपा था। केंद्र सरकार ने प्रत्येक वर्ष 25जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। यह दिवस हमारे सभी महापुरूषों के त्याग व बलिदान का स्मरण कराएगा जो कांग्रेस के इस तानाशाही मानसिकता के विरुद्ध संघर्ष करते हुए संविधान की रक्षा व लोकतंत्र की पुनर्स्थापना के लिए यातनाएं सही और दिवंगत हो गए। प्रत्येक वर्ष लोकतंत्र की महत्ता का स्मरण कराने वाले इस निर्णय के लिए मैं प्रधानमंत्री जी का आभार प्रकट करता हूं।
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, इस देश की जनता को ये भूलना नहीं चाहिए कि संविधान की हत्या करने की कोशिश करके कांग्रेस पार्टी ने कितना बड़ा गुनाह किया है। देश के भविष्य की पीढ़ी उसको ना भूले इसलिए संविधान हत्या दिवस मनाया जाएगा। देश की नई पीढ़ी के अंदर उस बात को आगे लाया जाएगा। स्कूल-कॉलेजों में भी भारत के संविधान के महत्व को पढ़ाते हुए उस पहलू को भी सामने रखा जाएगा।
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