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PM मोदी ने किया बेंगलुरु के संस्थापक केम्पेगौड़ा की प्रतिमा का अनावरण, ‘वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ में प्रतिमा को मिली जगह

पीएम मोदी आज बेंगलुरु के दौरे पर है जहां उन्होंने लोगों को कई बड़ी सौगात दी है। इसी के साथ आज उन्होंने बेंगलुरु के संस्थापक ‘नादप्रभु’ केम्पेगौड़ा की 108 फुट ऊंची कांस्य की प्रतिमा का अनावरण भी किया है। इसी के साथ ‘स्टैच्यू ऑफ प्रॉस्पेरिटी’ यानी की (समृद्धि की प्रतिमा) बेंगलुरु के विकास में शहर के संस्थापक केम्पेगौड़ा के योगदान की याद में बनाई गई है। बता दें लगभग 220 टन वजनी यह प्रतिमा यहां केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर स्थापित की गई है। हालांकि इस प्रतिमा में लगी तलवार का वजन चार टन है।

कौन हैं ‘नादप्रभु’ केम्पेगौड़ा?

बता दें नादप्रभु केम्पेगौड़ा विजयनगर साम्राज्य के एक शासक थे। उन्हें 16वीं शताब्दी में बेंगलुरु के संस्थापक के रूप में भी जाना जाता है। हालांकि मोरासु गौड़ा वंश के वंशज, केम्पेगौड़ा को अपने समय के सबसे शिक्षित और सफल शासकों में से एक माना जाता है। उनके भीतर बचपन से ही लीडरशीप क्वालिटी थी कैम्पेगौड़ा के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने लगभग 46 साल तक विजयनगर साम्राज्य पर शासन किया था।

हालांकि अनावरण से पहले ही इस केम्पेगौड़ा की 108 फुट ऊंची प्रतिमा को ‘वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ में जगह मिल गई थी। वहीं कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवाराज बोम्मई ने दी थी और प्रमाण पत्र ट्वीट कर कहा था कि हमारे लिए गर्व की बात है कि वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के अनुसार ‘स्टैच्यू ऑफ प्रॉस्पेरिटी’ किसी शहर के संस्थापक की पहली और सबसे ऊंची कांस्य प्रतिमा है।

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