
जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में विधानसभा सीटों (assembly seats) के परिसीमन की सिफारिश पर विपक्षी दलों (opposition parties)के हर आरोप का जवाब आयोग ने दिया है। जम्मू की सीटें बढ़ाने, पंडितों को नामित सदस्य के तौर पर प्रतिनिधित्व देने और जनजाति आरक्षण( tribal reservation)को लेकर परिसीमन आयोग ने अपनी राय जाहिर की है।
आयोग का कहना है कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर को दो अलग-अलग क्षेत्र की तरह लेने की बजाए एक क्षेत्र के तौर पर लिया है। उसने कुछ विधानसभाओं के नाम या क्षेत्रीय बदलाव को भी मंजूरी दी है। जैसे तंगमर्ग को गुलमर्ग के नाम से, ज़ूनीमार को जैदीबाल के नाम से, सोनार को लाल चौक और कठुआ उत्तर को जसरोटा के नाम से जाना जाएगा।
उन्होंने बताया, ”हमने ये सुनिश्चित किया है कि विधानसभा क्षेत्र एक जिले तक सीमित रहें क्योंकि पहले ये होता था कि विधानसभा क्षेत्र कई जिलों में बँट जाते थे। सरकार ने इस आयोग का गठन मार्च 2020 में किया था।
जम्मू-कश्मीर की कुछ पार्टियाँ इसका विरोध कर रही हैं और अब उन्होंने आयोग की सिफारिशों को लेकर सवाल उठाए हैं। विपक्ष का कहना है कि सिर्फ जम्मू-कश्मीर में परिसीमन किया जा रहा है जबकि पूरे देश के लिए ये 2026 तक स्थगित है। 2019 में धारा 370 हटने से पहले केंद्र सरकार राज्य की संसदीय सीटों का परिसीमन करती थी और राज्य सरकार विधानसभा सीटों का परिसीमन करती थी। लेकिन, अब जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद दोनों ही ज़िम्मेदारियां केंद्र सरकार के पास हैं।
क्या बदला है?
परिसीमन आयोग ने सात सीटें बढ़ाने की सिफारिश की है। इसके साथ ही जम्मू में 37 से 43 और कश्मीर में 46 से 47 सीटें हो गई हैं।
एससी-एसटी के लिए सीटें आरक्षित
इसके अलावा पहली बार नौ विधानसभा सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए भी आरक्षित की गई हैं। केंद्र शासित प्रदेश बनने से पहले इस तरह का कोई प्रावधान नहीं था। खासतौर पर प्रवासी गुर्जर और बकरवाल के लिए।
लोकसभा सीटों की बात करें तो आयोग ने अनंतनाग और जम्मू की सीटों की सीमाओं में बदलाव किया है।
कश्मीरी पंडितों की सीटें
परिसीमन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार 2 सीटें कश्मीरी प्रवासियों के लिए रिजर्व रखी गई हैं। माना जाता है कि इस फैसले से विधानसभा में कश्मीरी पंडितों का प्रतिनिधित्व बढ़ेगा।
कब बना परिसीमन आयोग?
परिसीमन आयोग का गठन 6 मार्च 2020 को किया गया। सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाले इस आयोग में देश के मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्र और देश के उप चुनाव आयुक्त चंद्र भूषण कुमार सदस्य हैं।
परिसीमन आयोग ने अपना कार्यकाल खत्म होने से एक दिन पहले यानी गुरुवार (5 मई 2022) को केंद्रशासित प्रदेश में विधानसभा सीटों के से परिसीमन रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। इसके बाद राजपत्रित अधिसूचना के माध्यम से आदेश जारी कर दिया है। अब प्रदेश में नए सिरे अब मतदाताओं की सूची को तैयार किया जाएगा।
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