मध्यप्रदेश में अबकी बार मानसून के सामान्य रहने का अनुमान है। इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन, ग्वालियर और चंबल संभाग में सामान्य से कम बारिश होगी यानि, प्रदेश के 26 जिलों में इस बार सामान्य से ज्यादा बारिश नहीं होगी। बाकी बचे जिलों में भी सामान्य या इसके आसपास ही आंकड़े रहेंगे। इस बार ज्यादा बरसात की संभावना कम ही है। प्रदेश की सामान्य बारिश एवरेज 37.3 इंच है। पिछले साल 46 इंच पानी गिरा था। हालांकि, मई के आखिरी सप्ताह में फिर से वेदर रिपोर्ट आएगी। इसमें तस्वीर और भी साफ हो जाएगी।
केंद्रीय मौसम विभाग ने आगामी सीजन में देश में मानसून के सामान्य होने की भविष्यवाणी की है। इसके पीछे बड़ा कारण मानसून मिड में अल नीनो की कंडीशन का बनना मान रहे हैं। हालांकि एक उम्मीद ये भी जताई है कि इंडियन ओशन डाइपोल (आईओडी) की मानसून से पहले पॉजिटिव कंडीशन बनने की संभावना है। भारत में दक्षिण-पश्चिम मानसून में आईओडी का अहम रोल रहता है। मध्यप्रदेश के मानसूनी फोरकास्ट पर नजर डालें, तो आधे हिस्से में मानसून की सामान्य से कम, जबकि बाकी 50% एरिया में सामान्य बारिश का अनुमान है। मौसम विभाग ने प्रदेश में कहीं भी सामान्य से ज्यादा बारिश होने का अनुमान नहीं जताया है।
मध्यप्रदेश की सामान्य बारिश 949mm यानि, 37.3 इंच है। मानसूनी सीजन के दौरान (जून से सितंबर के बीच) इतनी बारिश होती है। पिछले साल की बात करें तो प्रदेश में एवरेज 46 इंच बारिश हुई थी, जो सामान्य बारिश से 9 इंच ज्यादा थी। भोपाल समेत कई जिलों में तो सामान्य से दोगुनी बारिश हुई थी। इस कारण बाढ़ के हालात भी बन गए थे।
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