
Vijay Shah Controversy : मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री विजय ने कर्नल सोफिया कुरैशी पर दिए गए विवादित बयान के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने उन्हें मंत्री पद से हटाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है साथ ही याचिकाकर्ता को हाई कोर्ट जाने की सलाह भी दी है.
कोर्ट ने क्यों लगाई फटकार?
इस मामले को लेकर जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने साफ कर दिया कि आदेश के बावजूद मंत्री विजय शाह ने सार्वजनिक माफी नहीं मांगी, जो एक गंभीर मामला है. कोर्ट ने SIT की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि,
“बयान दर्ज करने में इतनी देर क्यों? पीड़ितों के बयान सबसे पहले होने चाहिए थे”
SIT से मांगी रिपोर्ट, 18 अगस्त को अगली सुनवाई
जिसके बाद कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि SIT जल्द जांच पूरी करे, और अगली सुनवाई 18 अगस्त को की जाएगी. साथ ही एक SIT सदस्य को व्यक्तिगत रूप से रिपोर्ट के साथ पेश होने के लिए कहा गया है. वहीं इस मामले में अब तक 27 लोगों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं और वीडियो क्लिप्स की जांच की जा रही है.
क्या था विवादित बयान?
दरअसल 11 मई को मंत्री विजय शाह ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा, कर्नल सोफिया कुरैशी ने “कपड़े उतारकर हिंदुओं को मारा” इतना ही नहीं उन्हें “आतंकियों की बहन” तक कह दिया. यह बयान ऑपरेशन सिंदूर की प्रेस ब्रीफिंग के संदर्भ में दिया गया था. जिसके बाद हाई कोर्ट ने तुरंत संज्ञान लेते हुए FIR दर्ज करने के आदेश दिए.
याचिका में क्या मांग थी?
वहीं कांग्रेस नेता जया ठाकुर द्वारा दायर याचिका में कहा गया कि मंत्री विजय का यह बयान संविधान के अनुच्छेद 164(3) और मंत्री पद की शपथ का उल्लंघन है.
गौरतलब है कि अब सुप्रीम कोर्ट ने अपना रुख साफ कर दिया है कि संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के लिए बोलने की जिम्मेदारी बेहद अहम होती है, वहीं अब सबकी नजरें 18 अगस्त की अगली सुनवाई पर टिकी हैं, जब SIT अपनी रिपोर्ट पेश करेगी.
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