पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। ममता ने कहा है कि वह अकेले बंगाल में चुनाव लड़ेगी। ममता बनर्जी ने घोषणा की कि INDIA गठबंधन (West Bengal news) टूटता नजर आ रहा है ।कहा जाता है कि पहले ममता बनर्जी ने कांग्रेस को दो सीटें देने का अनुरोध किया था, लेकिन अब ममता ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वह कांग्रेस को एक भी सीट नहीं देगी। पश्चिम बंगाल में 42 लोकसभा सीटें हैं और ममता बनर्जी ने एकला चलो के साथ के साथ आगे बढ़ गई हैं। ममता बनर्जी ने (West Bengal news) टीएमसी के गढ़ बीरभूम जिले में एक बंद कमरे में एक संगठनात्मक बैठक की। इस दौरान, ममता बनर्जी ने पार्टी नेताओं से अकेले चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहने को कहा है।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि हमारी पार्टी की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि टीएमसी को कांग्रेस के साथ सीट बाँटने का विचार नहीं करना चाहिए। ममता बनर्जी ने कहा कि हालांकि कांग्रेस दस से बारह सीटें चाहती है, हम दो सीटें देने को तैयार हैं। ऐसे में अब बात नहीं बनती नजर आ रही है।
तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने कहा कि कांग्रेस ने 10 से 12 लोकसभा सीटों की अनुचित मांग की है। पश्चिम बंगाल में भी सीट बंटवारे पर चर्चा नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि वह बंगाल में कांग्रेस को दो से अधिक लोकसभा सीटें देने को तैयार नहीं हैं और आठ से 14 लोकसभा सीटों की उनकी अनुचित मांग को पूरा नहीं करेंगी।
जब बनर्जी ने सोमवार को एक जनसभा में कहा, “मैंने विपक्षी गठबंधन को इंडिया नाम दिया”, तो टीएमसी-कांग्रेस के बीच बंगाल में लोकसभा की 42 सीटों वाले राज्य में सीटों के बंटवारे को लेकर बढ़ती बहस शुरू हो गई। यही कारण है कि मुझे यह बताते हुए दुख हो रहा है कि जब भी हम गठबंधन की बैठक में भाग लेते हैं, तो हम देखते है सीपीएम को नियंत्रित कर रही हैं। जिस पार्टी से हमने 34 साल तक संघर्ष किया, वह हमें सलाह नहीं देती। हमारा कई बार अनादर किया गया है, लेकिन मैं इस बात पर जोर देती हूं कि विशेष क्षेत्रों में चुनाव क्षेत्रीय दलों पर छोड़ दिए जाने चाहिए, जो उन क्षेत्रों में सबसे शक्तिशाली हैं। वे अकेले 300 सीटों पर लड़ सकते हैं और मैं उनकी मदद करुंगी l
ममता बनर्जी ने पार्टी नेताओं से बीरभूम की दोनों लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहने को कहा। कांग्रेस ने 2019 के लोकसभा चुनावों में दोनों सीटें (बरहमपुर और मालदा दक्षिण) जीती थीं, लेकिन 2021 के विधानसभा चुनावों में टीएमसी से हार गई थी।
पार्टी के एक नेता ने कहा कि मांगें जमीनी हकीकत पर होनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘उदाहरण के लिए, अगर कांग्रेस रायगंज लोकसभा सीट चाहती है, तो 2021 के विधानसभा चुनावों और 2023 के पंचायत चुनावों में उनके प्रदर्शन को ध्यान में रखने की जरूरत है।’
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