Chhattisgarh: गरीबों के घर की सियासत प्रदेश में बड़ा मुद्दा बन चुकी है। हो न हो प्रदेश का आगामी चुनाव भी इसी मुद्दे की बिसात पर लड़ा जाएगा। प्रदेश का सत्ता पक्ष और विपक्ष इसी मुद्दे पर आमने सामने है। भाजपा ने 15 मार्च को PM आवास के मामले में विधानसभा घेराव का ऐलान कर दिया है। मुख्यमंत्री भूपेश ने भी कह दिया है कि वो गरीबों को आवास देंगे, जरूरत पड़ी तो नए सिरे से सर्वे कराएंगे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का एक नया ट्वीट सामने आया है। इसमें उन्होंने इशारों-इशारों में भाजपा को घेरा है। कहा कि बीजेपी के लोग झूठ फैलाकर प्रदेश को बदनाम कर रहे हैं। भूपेश बघेल ने लिखा- छत्तीसगढ़ को डेढ़ दशक तक नकारात्मकता के आवरण में लपेटकर रखने वाले कुछ लोग पिछले दिनों से प्रदेश को बदनाम करने का एक सुनियोजित अभियान चला रहे हैं। कह रहे हैं कि लोगों को आवास स्वीकृत नहीं हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लिखा कि छत्तीसगढ़ को राष्ट्र पटल पर बदनाम करने वाले यह सच क्यों छिपा रहे कि आवासों की स्वीकृति के मामले में हमारा छत्तीसगढ़ राज्य असम, बिहार, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, केरल, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बंगाल, आंध्र प्रदेश तथा कर्नाटक राज्यों से बेहतर स्थिति में है।
CM का एलान मैं आज यह भी घोषणा करता हूं कि अगर केंद्र सरकार तत्काल आवास योजना के पात्र हितग्राहियों का सर्वे शुरू नहीं कराती है तो राज्य सरकार 01 अप्रैल से 30 जून 2023 के बीच खुद ये कराएगी। फिछले 12 वर्षों में गांव में निर्मित पक्के आवासों की प्राथमिक जानकारी प्राप्त कर आवासों की क्रमबद्ध स्वीकृति का कार्य करेगी। मैं विपक्ष के साथियों के साथ ही राज्य की जनता को आश्वस्त करता हूं कि राज्य के सभी पात्र हितग्राहियों को पक्के आवास मुहैया कराने के लिए हमारी सरकार पूर्णतः प्रतिबद्ध है।
विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण में कहा गया प्रदेश के 8 लाख 33 हजार लोगों को मकान मिले हैं। अब भाजपा का दावा है कि ये सब भाजपा के कार्यकाल में हुआ। इस दावे के साथ डॉ रमन ने एक पोस्ट साझा किया, इसमें कांग्रेस और भाजपा के वक्त में बने मकानों की तादाद है।
अब भाजपा आवास के मुद्दे को सड़क पर ला रही है। 15 मार्च को भाजपा 1 लाख लोगांे के साथ विधानसभा का घेराव करने की रणनीति बना चुकी है। इस मुद्दे पर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष अरुण साव ने कहा 25 जून 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के प्रत्येक आवासहीन को मकान देने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना प्रारंभ की जिसका लक्ष्य था कि 2022 तक देश में प्रत्येक व्यक्ति के पास स्वयं का मकान हो। छत्तीसगढ़ में कुल 16 लाख हितग्राही पाए गए। जिन्हें मकान नहीं मिल पाया क्योंकि कांग्रेस ने योजना में अपने हिस्से के रुपए दिए ही नहीं।
प्रधानमंत्री आवास पर भाजपा झूठ बोलकर भ्रम फैला रही है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा नेता राज्य में प्रधानमंत्री आवास को लेकर अलग-अलग आंकड़ें बताकर राजनीति कर रही है। प्रदेश में कुल शहरी और ग्रामीण मिलाकर कांग्रेस सरकार बनने के बाद 1,304,000 (तेरह लाख चार हजार) आवास स्वीकृत हुए हैं। प्रधानमंत्री आवास के शहरी क्षेत्र का ही अगर तुलनात्मक अध्ययन करे तो रमन सिंह सरकार ने 4 साल में शहरी क्षेत्र में मात्र 19,000 मकान बनाए थे और भूपेश सरकार ने 4 साल में 247,000 मकान बनाए हैं। रमन सरकार ने चार साल में मात्र 272 करोड़ रू. का राज्यांश दिया था इसके विपरीत कांग्रेस सरकार ने 4 साल में 2100 करोड़ शहरी आवास में राज्यांश दिया है।
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