परिस्थितियों की बेड़ियों ने जकड़े थे कदम, देर से सही हाथों ने थामी है कलम
उम्र के पड़ाव के भ्रम को तोड़ उम्मीदों के वो कदम आज वहां पहुंचे जहां कभी परिस्थितियों की बेड़ियों ने...
उम्र के पड़ाव के भ्रम को तोड़ उम्मीदों के वो कदम आज वहां पहुंचे जहां कभी परिस्थितियों की बेड़ियों ने...