Kerala HC: केरल हाई कोर्ट ने बुधवार को केरल असामाजिक गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 2007 के तहत हिरासत में ली गई एक महिला को रिहा करने का आदेश दिया है। दरअसल कोर्ट ने यह निर्देश उसकी बेटी, जो गर्भावस्था के अंतिम चरण में है, उसको देखते हुए दिया है क्योंकि उन्हें तत्काल सहायता और देखभाल की आवश्यकता है। न्यायमूर्ति ए मुहम्मद मुस्ताक और शोबा अन्नम्मा ईपेन की बेंच ने स्पष्ट किया कि रिहाई का आदेश मानवीय आधार पर दिया जा रहा है क्योंकि बंदी की बेटी की देखभाल करने वाला कोई और नहीं था।
इस मामले पर उच्च न्यायालय ने कहा, “हमारे समक्ष यह अनुरोध किया गया है कि उसकी बेटी और बच्चे की देखभाल करने वाला कोई नहीं है और मानवीय आधार पर हिरासत की अवधि को संशोधित किया जाए।” इसने आगे स्पष्ट किया कि यह निर्णय किसी विशिष्ट कानून पर आधारित नहीं है बल्कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन और स्वतंत्रता के “श्रेष्ठ” मौलिक अधिकार पर आधारित है।
उच्च न्यायालय ने कहा, “असाधारण परिस्थितियों में, भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 का उपयोग करते हुए, अदालत हिरासत में बंद ऐसे व्यक्ति की रिहाई का आदेश दे सकती है।” बता दें कि उच्च न्यायालय एक महिला की याचिका पर विचार कर रहा था जो 19 से अधिक आपराधिक मामलों का सामना कर रही है, मुख्य रूप से भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 406 (आपराधिक विश्वासघात) और 420 (धोखाधड़ी) के तहत उनपर मामला दर्ज है।
ये भी पढ़ें-Stubble Burning: किसानों पर केस दर्ज करना नहीं है समस्या का समाधान
AAP: पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से इंडिया गठबंधन के ‘‘आप’’ प्रत्याशी कुलदीप कुमार ने रविवार…
AAP: आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल अपनी दी…
Fifth Phase Voting: कल यानि आगामी सोमवार को देश में लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण…
CM Yogi in Prayagraj: गरीब की मौत पर समाजवादी पार्टी की संवेदनाएं मर जाती हैं…
Amit Shah in Bihar: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह रविवार को बिहार के पश्चिम चंपारण पहुंचे.…
PM Modi in Medinipur: पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर में पीएम मोदी ने एक जनसभा को…
This website uses cookies.