राजधानी भोपाल में CM हाउस का घेराव करने जा रहे सहकारिता कर्मचारियों को पुलिस ने रोक दिया। इसके चलते वे पॉलीटेक्निक कॉलेज चौराहे पर ही धरने पर बैठ गए। मानदेय बढ़ाने, नियमित करने समेत कई मांगों को लेकर यह प्रदर्शन किया गया। 24 अप्रैल तक मांगें पूरी नहीं हुई तो वे फिर से सीएम हाउस का घेराव करने जाएंगे।
मप्र सहकारिता समिति कर्मचारी महासंघ के बैनरतले शुक्रवार को प्रदेशभर से सहकारिता कर्मचारी भोपाल में जुटे। वे सीएम हाउस का घेराव करने लगे। जिन्हें पुलिस ने बेरिकेडिंग करके रोक दिया। इसके बाद वे सड़क पर ही धरना देने लगे। महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष बीएस चौहान ने बताया कि कमीशन के हिसाब से काम नहीं करेंगे। 7 अप्रैल से काली पट्टी बांधकर काम करेंगे। 22 अप्रैल तक काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया जाएगा। मांगें पूरी नहीं हुई तो 24 अप्रैल को फिर से सीएम हाउस का घेराव करेंगे।
वर्ष 2019 में जारी सेवा नियम अनुसार वेतनमान लागू किया जाए। संस्थाओं के सहायक, प्रभारी प्रबंधक, लिपिक, विक्रेता, कनिष्ठ विक्रेता, कम्प्यूटर ऑपरेटर, कैशियर, भृत्य, चौकीदार, तुलैया आदि कर्मचारियों को ग्रामीण स्तर पर कार्यरत शासकीय कर्मचारियों की भांति वेतनमान दिया जाए।
प्राइवेट उपभोक्ता भंडार, स्व-सहायता समूह, वन उपज समिति आदि को 200 रुपए प्रति क्विंटल कमीशन या 20 हजार रुपए मासिक वेतन दिया जाए।
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