राजधानी में केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश को लेकर केंद्र और केजरीवाल सरकार के बीच जंग छिड़ी हुई है। बता दें कि ये पूरा मामला प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति और तबादले से जुड़ा हुआ है। इसको लेकर आप सांसद राघव चड्ढा की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत के दौरान राज्यों में राज्यपाल और उपराज्यपाल की अवधारणा को गलत बताया है। राघव ने कहा कि राज्यपाल और उपराज्यपाल के कार्यालयों को समाप्त कर देना चाहिए।
राघव चड्ढा ने कहा कि ‘गैर-बीजेपी शासित राज्यों में यह चलन देखा जा रहा है कि एलजी या राज्यपाल के जरिए सरकारों/मुख्यमंत्रियों के अधिकार छीने जा रहे हैं। हाल ही में तमिलनाडु में राज्यपाल ने कहा कि विधायक (सेंथिल बालाजी) मंत्री बनने के लायक नहीं हैं। संविधान स्पष्ट रूप से कहता है कि सीएम के पास कैबिनेट चुनने का पूरा अधिकार है। यह प्रवृत्ति देश के लिए खतरनाक है। मुझे लगता है कि राज्यपालों और उपराज्यपालों के कार्यालयों को समाप्त कर देना चाहिए क्योंकि यह एक औपनिवेशिक खुमारी है।’
उन्होंने कहा कि राज्यपाल के माध्यम से मुख्यमंत्रियों और सरकार के अधिकार क्षेत्र को छीना जा रहा है, ये चिंताजनक है। ये मैं केवल तमिलनाडु सरकार का ही मैं उदाहरण नहीं दे रहा, आप बंगाल का उदाहरण ले लीजिए, जहां पर गैर-भाजपा सरकार है।’ राघव ने बताया कि ‘वहां ममता बनर्जी की सरकार को खराब करने, उनके अधिकार क्षेत्र छीनने और उनके कार्यकाल को हस्तक्षेप पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास गवर्नर करता है।’
राघव चड्ढा ने आगे राजधानी का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि ‘दिल्ली इस देश का सबसे बड़ा उदाहरण है, जहां उपराज्यपाल एक ही उद्देश्य है कि सरकार को पैरालाइज करो, सरकार को खत्म करो और सरकार की सारी शक्तियां छीन लो। उन्होंने आगे आम आदमी पार्टी शासित राज्य पंजाब का भी उदाहरण दिया।’ उन्होंने बताया कि ‘पंजाब के अंदर विधानसभा का सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल की जो कागजी अनुमति होती है, जो मात्र फॉर्मैलिटी होती है, वो अनुमति देने से गवर्नर ने मना कर दिया।’
राघव चड्ढा ने राज्यों से राज्यपाल और उपराज्यपाल की अवधारणा समाप्त करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि ‘जिस प्रकार से देश में ये ट्रेंड देखा जा रहा है, ये लोकतंत्र के लिए खतरनाक है। मैं कहूंगा कि इस देश से राज्यपाल और उपराज्यपाल का कॉन्सेप्ट को समाप्त कर देना चाहिए। गवर्नर और लेफ्टिनेंट गवर्नर के दफ्तरों को खत्म कर देना चाहिेए। जो हमारे देश में वायसराय कलचर अंग्रेज छोड़कर गए थे, उस गवर्नर कलचर को समाप्त कर देना चाहिए और चलाने की मुख्यमंत्री और सरकार की ही जिम्मेदारी होती है, वो जिम्मेदारी उन्हीं में लीन होनी चाहिए। गवर्नर और लेफ्टिनेंट गवर्नर का इसमें कोई रोल नहीं होना चाहिए।
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