आज बिहार सुप्रीम कोर्ट में शिक्षक भर्ती मामले पर सुनवाई हुई। जिसमें पटना हाई कोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाने से इनकार कर दिया। B.Ed. डिग्री वाले अभ्यर्थियों को इससे बड़ा झटका लगा है। नीतीश सरकार ने अब अपनी वरिष्ठता वापस ली है। बीपीएससी ने डीएलएड पास उम्मीदवारों का ही परिणाम जारी किया।
हाल ही में राजस्थान में शिक्षक बहाली के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि B.Ed डिग्री धारी छात्र प्राइमरी शिक्षक के लिए योग्य नहीं होंगे। डीएलएड या बीटीसी डिग्री वाले विद्यार्थी ही पांचवी तक पढ़ाने के लिए योग्य होंगे। बिहार में भी BPSC ने इस नियम को लागू करने का फैसला किया। इसके परिणामस्वरूप बहुत से उम्मीदवारों के परिणामों पर रोक लगा दी गई।
बीएड धारकों ने बीपीएससी के फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। आपको बता दें कि लगभग दो हफ्ते पहले बिहार लोक सेवा आयोग ने कहा था कि बीएड पास प्राइमरी टीचर नहीं बन पाएंगे। बीएससी ने 3 लाख 90 हजार बेड पास कैंडिडेट के रिजल्ट पर प्रतिबंध लगाया। ऐसे में बिहार सरकार ने अपील की। आज सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में इसकी सुनवाई हुई।
बिहार में शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया चल रही थी। इस दौरान ही सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय लिया कि बी.एड. डिग्री धारक प्राइमरी स्कूल में दाखिला लेने के लिए योग्य नहीं हैं। B.Ed डिग्री धारकों के परिणामों पर बाद में बीपीएससी ने रोक लगा दी। बाद में मामला पटना हाईकोर्ट पहुंचा। बिहार सरकार ने पटना हाईकोर्ट में कहा कि बी.एड. डिग्री रखने वाले प्राइमरी टीचर नहीं बन सकते। यह फैसला बिहार सरकार से संबंधित नहीं था।
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