लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पिछले हफ्ते डॉ कफील खान के खिलाफ निलंबन आदेश पर रोक लगा दी थी, जो इस आरोप पर आधारित था कि वह उत्तर प्रदेश के बहराइच में जबरन मरीजों का इलाज कर रहे थे। न्यायाधीश न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव ने निलंबन आदेश पर रोक लगाते हुए सरकार को एक महीने के भीतर डॉ. खान के खिलाफ जांच पूरी करने का निर्देश दिया।
बता दें 2018 में खान को यूपी पुलिस ने बहराइच के जिला अस्पताल में अपने दो सहयोगियों, सूरज पांडे और महिपाल सिंह के साथ कथित उपद्रव के आरोप में गिरफ्तार किया था । हालांकि बाद में उन्हें जमानत दे दी गई थी। खान के याचिका को राज्य के अधिकारियों द्वारा 31 जुलाई 2019 के निलंबन आदेश का विरोध करते हुए स्थानांतरित किया गया था। कोर्ट में कहा गया था कि निलंबन के आदेश को दो वर्ष से अधिक समय बीत चुका है लेकिन याचिकाकर्ता के खिलाफ जांच अभी तक समाप्त नहीं हुई है।
कफील खान को पहले बीआरडी ऑक्सीजन त्रासदी के बाद सेवाओं से निलंबित कर दिया गया था, जिसमें तरल ऑक्सीजन की आपूर्ति अचानक बंद हो जाने के बाद लगभग 63 बच्चों की मौत हो गई थी।
कोर्ट ने निलंबन पर रोक लगाते हुए कहा, इस न्यायालय के अगले आदेश तक प्रतिवादी क्रमांक 2 द्वारा पारित आदेश दिनांक 31.07.2019 के संचालन पर रोक रहेगी। हालांकि, प्रतिवादी संख्या 2 को एक महीने की अवधि के भीतर याचिकाकर्ता के खिलाफ जांच समाप्त करने का निर्देश दिया जाता है। यह भी प्रावधान किया गया है कि याचिकाकर्ता जांच में सहयोग करेगा और यदि याचिकाकर्ता जांच में सहयोग नहीं करता है, तो अनुशासनात्मक प्राधिकारी जांच को समाप्त करने के लिए आगे बढ़ सकता है’
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