महिला भारतीय हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल ने टोक्यो 2020 में एक युवा टीम को चौथे स्थान पर पहुंचाया, ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ एक कड़े मुक़ाबले में हार के बाद टीम इंडिया ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने से चूक गई थी।
तीसरी बार ओलंपिक में भाग लेने वाली भारतीय महिला टीम का ओलंपिक खेलों में ये अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था। इस दिग्गज खिलाड़ी ने रियो 2016 से 8 साल पहले अपना डेब्यू किया था। उस समय वह महज़ 14 साल की थी, और ओलंपिक क्वालिफायर टीम का हिस्सा भी थी। इस कारणवश वो भारत की ओर से फील्ड हॉकी खेलने वाली सबसे युवा खिलाडी बन गई। फिर भी तीसरी बार ओलंपिक में भाग लेने वाली भारतीय महिला टीम का ओलंपिक खेलों में ये अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था।
इस खिलाड़ी में हौसला इतना था कि 15 साल की उम्र में इन्होंने साल 2010 में वर्ल्ड कप डेब्यू कर लिया था। पूरी प्रतियोगिता में भारतीय टीम ने 7 गोल दागे थे जिसमें से 5 इस लाजवाब खिलाड़ी की हॉकी स्टिक से आए थे। इनकी पिछली ज़िन्दगी पर नज़र डालें तो जीवन में गरीबी के अंधकार में था और पिता कार्ट पुलर बन परिवार का गुज़ारा करते थे। हरियाणा के शाहबाद गांव की इस लड़की को माता पिता ने खेलने की इजाज़त दे दी। दिग्गज धनराज पिल्लै को अपना हीरो मानते हुए रानी ने भी अपना खेल शुरू किया और 6 साल की उम्र में एक लोकल ट्रेनिंग सेंटर में दाखिला ले लिया। बस देर सिर्फ नेशनल टीम में आने की थी और जब ऐसा हुआ तो इन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
अर्जुन अवार्ड और पद्मश्री अवार्ड जीत चुकी खिलाड़ी ने कहा “मुझे अफ़सोस के साथ जीना अच्छा नहीं लगता। मुझे डिसिप्लिन और रूटीन में रहना पसंद है। मैं हार्ड वर्क में विश्वास रखती हूं फिर चाहे मेरा मकसद पूरा हो या न हो, कम से कम मैं शीशे में खुद को देख कर कह सकूंगी कि मैंने अपना सब कुछ दिया।”
एफआईएच वूमेंस चैंपियंस चैलेंज II 2019 में इन्हें ‘यंग प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट’ के खिताब से भी नवाज़ा गया। इसके बाद वो उस टीम का भी हिस्सा रहीं जिस टीम ने 2009 एशिया कप में सिल्वर मेडल जीता था। इनका कारवां यहां नहीं रुका और 2010 वर्ल्ड कप और 2013 जूनियर वर्ल्ड कप में भी इन्हें ‘यंग प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट’ का खिताब मिला। इसके बाद भारतीय महिला हॉकी टीम ने 2014 एशियन गेम्स ने ब्रॉन्ज़ मेडल जीता था और उसमें इनकी भूमिका अहम रही।
रियो गेम्स में जहां भारतीय महिला हॉकी टीम बहुत समय के बाद ओलंपिक का हिस्सा बनी वहीं पहले ही मैच में रानी ने जापान के खिलाफ दो गोल दाग कर अपने होने का प्रमाण दिया। उस समय हरियाणा की इस लड़की ने भारत की ओर से 5 मुक़ाबलों में हिस्सा लिया था और इनके बढ़ते खेल को देख कर इन्हें बाद में कप्तान घोषित कर दिया।
रानी की कप्तानी में टीम ने 2018 एशियन गेम्स में सिल्वर मेडल पर अपने नाम की मुहर लगाई और 2018 वर्ल्ड कप के क्वार्टर-फाइनल तक का सफ़र तय किया और साथ ही कॉमनवेल्थ गेम्स में चौथे स्थान पर अपने कारवाँ को ख़त्म किया।
साल 2019 रानी रामपाल के लिए ख़ास रहा जहां अपनी फॉर्म पर सवार इन्होने यूएसए के खिलाफ एहम गोल दागकर भारतीय महिला हॉकी टीम को टोक्यो 2020 के लिए क्वालिफाई कराया। टोक्यो 2020 में, रानी रामपाल ने भारत के अभियान का पहला गोल किया, जहां टीम को नीदरलैंड से 5-1 से हार का सामना करना पड़ा था।
भारतीय हॉकी टीम को सेमीफाइनल में अर्जेंटीना से हार का सामना करना पड़ा, उससे पहले क्वार्टर फाइनल में पसंदीदा ऑस्ट्रेलिया को इस टीम ने चारों खाने चित कर दिया था। इस शानदार अभियान के दौरान कप्तान रानी रामपाल टीम की एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी साबित हुईं, जो कि मिडफ़ील्ड को अच्छी तरह से संभाल रही थीं, जिससे विरोधियों पर लगातार आक्रमण का खतरा रहता था। इस प्रदर्शन को देखते हुए भारतीय महिला हॉकी टीम आने वाले वर्षों में और अधिक सफलता के हासिल करने के लिए तैयार है और इसमें कोई संदेह नहीं है कि रानी रामपाल इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा होंगी।
AAP: पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से इंडिया गठबंधन के ‘‘आप’’ प्रत्याशी कुलदीप कुमार ने रविवार…
AAP: आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल अपनी दी…
Fifth Phase Voting: कल यानि आगामी सोमवार को देश में लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण…
CM Yogi in Prayagraj: गरीब की मौत पर समाजवादी पार्टी की संवेदनाएं मर जाती हैं…
Amit Shah in Bihar: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह रविवार को बिहार के पश्चिम चंपारण पहुंचे.…
PM Modi in Medinipur: पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर में पीएम मोदी ने एक जनसभा को…
This website uses cookies.