
Punjab Land Pooling : विपक्षी पार्टियों ने पंजाब की भगवंत मान सरकार द्वारा पेश की गई लैंड पूलिंग नीति पर स्वार्थी रुख अपनाने पर निशाना साधते हुए पंजाब के कैबिनेट मंत्री और AAP राज्यसभा अध्यक्ष अमन अरोड़ा ने कहा कि यह नई लैंड पूलिंग नीति शिरोमणि अकाली दल (SAD)-BJP सरकार द्वारा पेश की गई रूपरेखा पर आधारित है.
पंजाब भवन में गुरुवार को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमन अरोड़ा ने लैंड पूलिंग नीति को पंजाब के लिए एक गेम-चेंजर बताया, क्योंकि यह पारदर्शिता, निष्पक्षता और जन कल्याण को प्राथमिकता दे रही है. यह नीति संगठित और योजनाबद्ध विकास को बढ़ावा देगी, साथ ही उम्होंने कहा कि, यह भूमि मालिकों सहित समाज के सभी वर्गों को लाभान्वित करेगी.
पूर्व की कांग्रस सरकार पर साधा निशाना
विपक्षी पार्टियों पर पलटवार करते हुए अमन अरोड़ा ने कहा कि SAD-BJP और कांग्रेस सरकारों की पूर्व की कार्यवाहियाँ उनकी वर्तमान स्थिति से मेल नहीं खाती हैं. SAD-BJP सरकार ने कई शहरों जैसे एसएएस नगर (मोहाली), अमृतसर, तरनतारन और होशियारपुर में मास्टर प्लान के संबंध में अधिसूचनाएं जारी की थीं. इन अधिसूचनाओं ने सैकड़ों एकड़ भूमि को आवासीय और वाणिज्यिक विकास के लिए निर्धारित किया और निजी डेवलपर्स को कालोनियां बनाने की अनुमति दी. SAD-BJP और कांग्रेस सरकारों का बिल्डर्स के साथ सामंजस्य ही पंजाब में लगभग 20,000 एकड़ भूमि पर अवैध कालोनियों के उभरने का कारण बना, जिससे खरीदारों को बिना बुनियादी नागरिक सुविधाओं के दिक्कतों का सामना करना पड़ा, जिसमें सीवेज सिस्टम, स्ट्रीट लाइट्स और अन्य सुविधाएँ शामिल हैं.
मोहाली की तरह अन्य शहरों का विकास क्यों नहीं
साथ ही उन्होंने कहा, मोहाली क्षेत्र में महत्वपूर्ण विकास हुआ है. 2009 से 2021 तक कांग्रेस और अकाली दल-बीजेपी सरकारों ने मोहाली में 3735 एकड़ भूमि अधिग्रहित की. अमन अरोड़ा ने सवाल करते हुए कहा कि, अगर मोहाली को योजनाबद्ध विकास और अत्याधुनिक सुविधाएं मिल सकती हैं, तो पंजाब के बाकी हिस्सों को क्यों नहीं? फिर क्यों नहीं होशियारपुर, तरनतारन या फिरोजपुर को?
विपक्ष के आरोप निराधार
नीति की प्रमुख विशेषताओं को उजागर करते हुए अमन अरोड़ा ने कहा कि नई लैंड पूलिंग नीति पिछली नीतियों की तुलना में अधिक किसान-हितैषी और जन-केंद्रित है. अब भूमि की बिक्री और खरीद पर कोई प्रतिबंध नहीं है, किसान अपनी भूमि को स्वयं विकसित कर सकते हैं या सरकार या निजी डेवलपर्स के साथ साझेदारी कर सकते हैं, पहले तीन वर्षों के लिए ₹50,000 का मुआवजा और कब्जे के बाद ₹1 लाख का मुआवजा, और आवासीय और वाणिज्यिक प्लॉट्स का आदान-प्रदान करने का विकल्प भी नीति में उपलब्ध है.
अमन अरोड़ा ने यह भी मांग की कि SAD-BJP और कांग्रेस को पंजाब के लोगों से माफी मांगनी चाहिए, क्योंकि उन्होंने उन्हें गुमराह किया और अवैध कालोनियों को बढ़ावा दिया. AAP-नेतृत्व वाली सरकार योजनाबद्ध विकास, पारदर्शिता और जन कल्याण के प्रति प्रतिबद्ध है. विपक्ष के आरोप निराधार और स्वार्थपूर्ण हैं.
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