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पंजाब सरकार की ‘जीवनजोत 2.0’ पहल, एक हफ्ते में 168 भिखारी बच्चों का रेस्क्यू : मंत्री डॉ. बलजीत कौर

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  • 168 भिखारी बच्चे रेस्क्यू किए गए
  • 125 छापेमारी अभियान चलाए गए
  • 88 बच्चे आश्रय गृह भेजे गए
  • डीएनए जांच और कानूनी कार्रवाई जारी
  • मदद के लिए 1098 पर कॉल करें

Jeevan Jyot 2.0 Initiative : मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के दूरदर्शी नेतृत्व में पंजाब सरकार की प्रमुख पहल “प्रोजेक्ट जीवनजोत 2.0’ ने केवल एक सप्ताह में राज्यभर की सड़कों और गलियों से 168 बाल भिखारियों को सफलतापूर्वक बचाया है. यह जानकारी आज सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने पंजाब भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी.

उन्होंने बताया कि यह प्रोजेक्ट, जो लगभग 9 महीने पहले शुरू हुआ था, अब “जीवनजोत 2.0” के रूप में अपग्रेड होकर और अधिक तेज, सुदृढ़ व प्रभावशाली ढंग से चलाया जा रहा है. यह न केवल रेस्क्यू अभियानों तक सीमित है, बल्कि इसमें वैज्ञानिक पहचान, डीएनए परीक्षण, पुनर्वास और मुख्यधारा में एकीकरण पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है.

125 छापेमारी, 168 बच्चे बचाए, 88 को सुरक्षित आश्रय

डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि बड़े शहरों में 125 छापेमारी अभियानों के दौरान 168 बच्चों को भीख मांगने से बचाया गया. इनमें से 80 बच्चों की पहचान उनके माता-पिता से होने के बाद उन्हें सुरक्षित रूप से परिजनों को सौंपा गया, यह सुनिश्चित करते हुए कि वे दोबारा सड़कों पर न लौटें. जिन 88 बच्चों की पहचान नहीं हो सकी, उन्हें सरकार द्वारा संचालित बाल देखभाल गृहों में भेजा गया है, जहाँ उन्हें शिक्षा, पोषण, आवास, चिकित्सा और मनोवैज्ञानिक सहायता दी जा रही है.

सामाजिक रिपोर्ट डीएनए जांच और अंतर-राज्यीय समन्वय

मंत्री ने बताया कि बच्चों की पृष्ठभूमि और आवश्यकताओं को समझने के लिए अब तक 25 सामाजिक जाँच रिपोर्टें तैयार की जा चुकी हैं. 16 बच्चों के डीएनए परीक्षण शुरू हो चुके हैं, जिनमें से 13 नमूने प्रयोगशाला को भेजे गए हैं. इसके अतिरिक्त, 10 बच्चे अन्य राज्यों से संबंधित पाए गए हैं, जिनकी सुरक्षित वापसी के लिए संबंधित राज्य सरकारों के साथ समन्वय किया जा रहा है.

जीवनजोत प्रोजेक्ट केवल रेस्क्यू तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य इन बच्चों का भविष्य दोबारा उज्जवल बनाना है, मंत्री ने कहा, उन्होंने बताया कि कई बच्चों को स्कूलों में दाखिला दिलाया गया है, 30 बच्चों को उनके परिवारों से मिलवाया गया है, और 58 बच्चे अब भी सरकारी संरक्षण में हैं, जिनके लिए दीर्घकालिक देखभालकर्ता तलाशे जा रहे हैं.

अयोग्य माता-पिता, तस्करों और गिरोहों पर कड़ी कार्रवाई

डॉ. बलजीत कौर ने चेतावनी दी कि यदि कोई अभिभावक या संरक्षक बच्चे को दोबारा भीख मांगने को मजबूर करेगा, तो उसे “अयोग्य संरक्षक” घोषित कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इसी प्रकार, जिन गिरोहों या मानव तस्करों द्वारा बच्चों से जबरन भीख मंगवाई जा रही है, उनके खिलाफ भी कड़े पुलिस और कानूनी कदम उठाए जा रहे हैं.

बालिग भिखारियों के लिए आश्रय केंद्र

मंत्री ने बताया कि सरकार शीघ्र ही लुधियाना, अमृतसर, जालंधर, मोहाली और बठिंडा जैसे बड़े शहरों में “आश्रय केंद्र” स्थापित करेगी, जहाँ बालिग भिखारियों को आवास, परामर्श और कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे बच्चों को भीख मांगने को मजबूर न कर सकें.

जनता से अपील चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर कॉल करें

अंत में मंत्री ने आमजन और मीडिया से अपील की यदि आप किसी बच्चे को भीख मांगते देखें, तो तुरंत चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर कॉल करें. आपकी एक कॉल एक बच्चे की जिंदगी बदल सकती है. उन्होंने कहा कि “प्रोजेक्ट जीवनजोत 2.0” के जरिए मान सरकार एक ऐसे पंजाब की नींव रख रही है, जहाँ हर बच्चा स्कूल में हो, सड़कों पर नहीं.

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