Advertisement
राष्ट्रीय

विश्व पर्यटन दिवस: संग्रहालय में सहेजे जाएंगे राखीगढ़ी के पुरावशेष, फिर से होगी खुदाई शुरू

Share
Advertisement

हरियाणा। आइकोनिक साइट के रूप में प्रसिद्ध हिसार के विश्व विरासत स्थल राखीगढ़ी में ऑर्कियोलॉजिस्ट्स की टीम मानव की विकास यात्रा में नया पन्ना जोड़ने जा रही है। तकरीबन 5000 साल पहले, सरस्वती नदी की सहायक, दृषद्वती नदी के किनारे बसे व्यापारिक नगर राखीगढ़ी में प्राप्त पुरावशेषों को हवा और पानी से सुरक्षित करने के उद्देश्य से शीशे में रखने की योजना बनाई जा रही है। साथ ही इसे पर्यटकों के सामने प्रदर्शित करने की भी तैयारी की जा रही है।

Advertisement

मौसम के ठीक होते ही चौथी बार की जाएगी खुदाई

इनमें तंदूर, मटके, मिट्टी के बर्तन, चूल्हे, ईटें, दीवारें, खिलौने, परिष्कृत भट्ठी आदि वस्तुएं शामिल हैं। ख़बर है कि बारिश का मौसम जाते ही भारतीय पुरातत्व विभाग की टीम टीले की खुदाई फिर से करेगी, जिसका निर्देशन विभाग के डिप्टी डीजी संजय मुंजाल करेंगे। यह चौथी बार है, जब इस स्थल की खुदाई की जाएगी।

उत्खनन में मिली वस्तुओं को संग्रहालय में रखने की योजना

खुदाई में मिली वस्तुओं को सुरक्षित व संग्रहित कर उसे संग्रहालय में व्यवस्थित कराने की भी योजना बनाई जा रही है। इस वक्त पुरातत्व विभाग के अधिकार में राखीगढ़ी की 90 एकड़ जमीन और 9 टीले हैं। एक-एक करके सभी टीलों खुदाई की जाएगी। अनुमान लगाया जा रहा है कि इसमें लगभग चार साल का समय लगेगा।

खुदाई में मिले थे मेटल जैसी आवाज करते मजबूत मिट्टी के बर्तन

उत्खनन अनुभवी वजीर सिंह का कहना है कि ‘खुदाई में प्राप्त सही अनुपात में बनी दीवारों से साबित होता है कि उस समय के लोग वास्तुशास्त्र के अच्छे जानकार हुआ करते थे। नगर के चारों ओर सुरक्षा प्राचीर और चौकियां बनाई गई थीं। मिट्टी के बर्तनों को पकाने वाली भट्टी और मटके समेत कई मिट्टी के बर्तन प्राप्त हुए थे, जो इतने मजबूत थे कि उनसे मेटल जैसी आवाज आती है।‘

राखीगढ़ी से मिले हैं मिट्टी के फ्रिज़

ग्रामीण धर्मपाल बताते हैं कि ‘खुदाई में प्राप्त मानव कंकालों को देखने से लगता है कि उस जमाने के लोग काफी लंबे कद और दिमाग वाले होते थे। बड़े तंदूर और भोजनालय को देखकर लगता है कि वे सभी सामूहिक रूप से रहते थे। धन-सम्पन्न महिलाएं सोने के मनके की माला और मिट्टी की चूड़ियां पहनती थीं। छेद वाले जार के जरिये कमरों में प्रकाश की व्यवस्था की जाती थी। इसके अलावा खुदाई में मिट्टी के फ्रिज, सुंदर आकर्षक कलाकृति वाले मजबूत मटके, व अन्य मिट्टी के बर्तन उस समय की जीवन शैली को दर्शाते हैं।‘

पर्यटन और रोजगार बढ़ने की उम्मीद

राखी खास और राखी शाहपुर गांव को अब राखीगढ़ी के नाम से जाना जाता है। राखीगढ़ी को विश्व के पर्यटन मानचित्र पर लाने से वहाँ के लोगों को रोजगार के अवसर मिल सकते हैं, जिसके चलते सरकार ने राखीगढ़ी को फोरलेन और रेलमार्ग से जोड़ने की कवायद शुरू कर दी है।

80 परिवारों को गोद लेगी केंद्र सरकार

केंद्र सरकार राखीगढ़ी को गोद लेकर वहाँ के 80 परिवारों के लिए कुछ दूरी पर अलग कॉलोनी बनाकर उन्हें शिफ्ट करने की योजना पर काम कर रही है। जबकि विशेषज्ञ इससे अलग राय रखते हैं, उनका कहना है कि ‘किसी समय में दृषद्वती नदी में बाढ़ के आने से राखीगढ़ी का पतन हुआ था और सरकार फिर से उसी नदी के मुहाने पर संग्रहालय का निर्माण करवा रही है।

Recent Posts

Advertisement

कैसरगंज से करण भूषण, रायबरेली से दिनेश प्रताप सिंह होंगे बीजेपी के उम्मीदवार

Kaisarganj latest News: कैसरगंज लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार कौन होगा, इस संशय से अब पर्दा…

May 2, 2024

देश में तालिबानी शासन लागू करना चाहती है कांग्रेस, एटा में बोले CM योगी

Etah: बाबा साहब भीमराव अंबेडकर देश में धर्म के आधार पर आरक्षण के खिलाफ थे,…

May 2, 2024

नोडल अधिकारी करेंगे बस स्टेशन का निरीक्षण, प्रस्तुत करेंगे रिपोर्ट

UP News: प्रदेश में भीषण गर्मी को देखते हुए योगी सरकार यात्रियों की सुविधाओं और…

May 2, 2024

‘दुकान मोहब्बत की खोलते हैं और फर्जी माल बेचते हैं…’, जूनागढ़ में दहाड़े PM मोदी

PM Modi In Gujarat: गुजरात के जूनागढ़ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनसभा को संबोधित…

May 2, 2024

मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी को लिखा पत्र… ‘आपकी भाषा पद की गरिमा के विपरीत’

Letter of Kharge to PM Modi: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने देश के…

May 2, 2024

Lok Sabha Election 2024: वाराणसी से PM मोदी के खिलाफ कॉमेडियन श्याम रंगीला लड़ेंगे चुनाव

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा के लिए दो चरणों के मतदान प्रकिया पूरी हो चुकी…

May 2, 2024

This website uses cookies.