‘राष्ट्रपति को नई संसद के उद्घाटन में इसलिए नहीं बुलाया क्योंकि वो आदिवासी…’- उदयनिधि स्टालिन

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अपने बयानों को लेकर चर्चा में आए तमिलनाडु सरकार के मंत्री उदयनिधि स्टालिन एक बार फिर अपनी विवादित टिप्पणी के लेकर चर्चा में आ गए हैं। उदयनिधि स्टालिन ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के बहाने एक बार फिर सनातन पर हमला बोला है। बीते दिन को अपनी पार्टी के एक कार्यक्रम में संबोधन करते हुए उन्होंने कहा है कि नए संसद भवन के उद्घाटन में राष्ट्रपति मुर्मू को इसलिए नहीं बुलाया गया क्योंकि वह आदिवासी समुदाय से हैं और विधवा हैं। क्या यही सनातन है?  

उदयनिधि ने आगे कहा, “नई संसद का निर्माण मॉन्यूमेंट प्रोजेक्ट के तहत 800 करोड़ रुपये खर्च करके किया गया। उन्होंने (भाजपा) तमिलनाडु से अधीनम (संतो) को बुलाया। लेकिन इसके उद्घाटन पर राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं किया।”

इससे पहले तमिलनाडु के युवा कल्याण और खेल विकास मंत्री उदयनिधि ने सनातन धर्म की तुलना कोरोना वायरस, मलेरिया और डेंगू से की थी, जिसके बाद देशभर में तीखी बहस छिड़ गई थी। खासकर बीजेपी ने इस मुद्दे पर स्टालिन के बहाने इंडिया गठबंधन को भी घेरा था।

अब एक बार फिर बुधवार को मदुरै में पार्टी के एक कार्यक्रम में संबोधन करते हुए कहा, “हमारे देश का पहला नागरिक कौन है? राष्ट्रपति. उनका नाम क्या है? द्रौपदी मुर्मु। उन्हें नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के लिए आमंत्रित नहीं किया गया। क्योंकि वह आदिवासी समुदाय की हैं और विधवा हैं। इसे ही हम सनातन कहते हैं? हम सनातन के खिलाफ अपनी आवाज उठाना जारी रखेंगे।”

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