शारदा मनी लॉन्डरिंग : ईडी ने शुक्रवार को कहा कि उसने शारदा मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की पत्नी नलिनी चिदंबरम, सीपीएम के पूर्व विधायक देबेंद्रनाथ बिस्वास और असम के पूर्व मंत्री दिवंगत अंजन दत्ता की कंपनी जैसे “लाभार्थियों” की 6 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की है।
केंद्रीय एजेंसी ने एक बयान में कहा, धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत 3.30 करोड़ रुपये की चल संपत्ति और 3 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति कुर्क करने का अस्थायी आदेश जारी किया गया है।
इन संपत्तियों पर शारदा समूह और अन्य लोगों का स्वामित्व था, जो समूह द्वारा उत्पन्न “अपराध की आय” के लाभार्थी थे।
“लाभार्थियों” में नलिनी चिदंबरम, देवव्रत सरकार (ईस्ट बंगाल क्लब के अधिकारी), देबेंद्रनाथ बिस्वास (पूर्व आईपीएस अधिकारी और पूर्व सीपीएम विधायक) और अनुभूति प्रिंटर और प्रकाशन शामिल हैं, जो असम के पूर्व कैबिनेट मंत्री और राज्य कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष दत्ता के स्वामित्व में हैं।
मनी लॉन्ड्रिंग का मामला 2013 तक पश्चिम बंगाल, असम और ओडिशा में शारदा समूह द्वारा कथित चिट फंड घोटाले से संबंधित है।
ईडी ने कहा, “इस समूह की कंपनी द्वारा जुटाए गए कुल धन की मात्रा लगभग 2,459 करोड़ रुपये है, जिसमें से लगभग 1,983 करोड़ रुपये अब तक जमाकर्ताओं को ब्याज राशि को छोड़कर बकाया है।” प्रवर्तन निदेशालय उनके मामले में अब तक करीब 600 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क कर चुका है।
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