संसद के शीतकालीन सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक के बाद सरकार का बयान- सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार

Parliament Winter Session 2023: केंद्र सरकार ने शनिवार (2 दिसंबर) को शीतकालीन सत्र से पहले बैठक की. जिसके बाद सरकार ने कहा कि वो होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र (Parliament Winter Session) में सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है. साथ ही सरकार ने कहा कि हमने विपक्ष से रचनात्मक चर्चा करने की बात कही.
रचनात्मक चर्चा के लिए तैयार हैं- प्रह्लाद जोशी
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी (Prahlad Joshi) ने सर्वदलीय बैठक के बाद कहा, ”सरकार रचनात्मक चर्चा के लिए पूरी तरह तैयार है. हमने विपक्ष से सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से संचालित होने देने का अनुरोध किया है. हमने विपक्ष के सुझावों को सकारात्मक रूप से लिया है, 19 विधेयक और दो वित्तीय विषय विचाराधीन है.”
चार दिसंबर से शुरू हो रहा है शीतकालीन सत्र
प्रह्लाद जोशी ने आगे कहा, ”संसद का शीतकालीन सत्र चार दिसंबर से शुरू होकर 22 दिसंबर तक चलेगा. इन 19 दिनों में 15 बैठकें होंगी. सत्र को ध्यान में रखते हुए ऑल पार्टी मीटिंग लोकसभा में उपनेता और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई. मीटिंग में 23 दलों के 30 लोग शामिल हुए थे. हमारे पास कई सुझाव आए हैं.”
सर्वदलीय बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, प्रह्लाद जोशी, केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, कांग्रेस नेता जयराम रमेश, गौरव गोगोई, प्रमोद तिवारी, तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंद्योपाध्याय, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की नेता फौजिया खान और आरएसपी नेता एन के प्रेमचंद्रन सहित कई और नेता भी शामिल हुए थे.
Parliament Winter Session 2023: विपक्ष का बयान?
वहीं यूपी की पूर्व सीएम मायावती (Mayawati) ने शीतकालीन सत्र के दौरान जातिगत जनगणना कराने की मांग की है. उन्होंने एक्स पर लिखा कि संसद के शीतकालीन सत्र से पहले आज सर्वदलीय बैठक में बीएसपी ने सरकार से देश में जातीय जनगणना कराए जाने की मांग फिर से दोहराई है. केंद्र सरकार को इस बारे में सकारात्मक कदम उठाना चाहिए.
दूसरी ओर राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि विपक्ष ने कुछ मुद्दों पर चिंता जाहिर की है. इसमें चीन का भारतीय जमीन पर कब्जा, मणिपुर, महंगाई, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई का दुरुपयोग आदि शामिल है.
शीतकालीन सत्र का एजेंडा
जानकारी है कि शीतकालीन सत्र में महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा हो सकती है. इनमें ब्रिटिश काल के तीन अपराध कानूनों – भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और साक्ष्य अधिनियम को बदलने के लिए लाए गए विधेयक भी शामिल हैं. इसके साथ ही मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित एक दूसरे महत्वपूर्ण विधेयक भी संसद में लंबित है.
पिछले सत्र में पैसे लेकर सवाल करने के आरोप में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश वाली रिपोर्ट सदन में पेश की जाएगी.