सीट बेल्ट और हेलमेट की अनदेखी से गई 66,744 लोगों की जान

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नई दिल्ली: सड़क सुरक्षा को लेकर तमाम कोशिशों के बावजूद तस्वीर चिंताजनक बनी हुई है। इसमें न सरकार की कोई पहल काम आ रही है और न लोगों की लापरवाही में कोई कमी आती दिखाई दे रही है। सड़क परिवहन मंत्रालय ने एक रिपोर्ट जारी की है। वर्ष 2022 में सड़क दुर्घटनाओं की यह रिपोर्ट बताती है कि 2021 के मुकाबले दुर्घटनाएं रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है और उनमें जान गंवाने वालों की संख्या भी काफी बढ़ गई है।

सड़क सुरक्षा लचर होती जा रही है

इस रिपोर्ट के मुताबिक राज्यों और केंद्रशासित क्षेत्रों से मिले ड़ेटा के आधार पर 2022 में 461,312 दुर्घटनाएं दर्ज की गईं। जिनमें 168,491 लोगों की जान गई। 4,43,366 लोग घायल हुए। वर्ष 2021 के मुकाबले दुर्घटनाओं में 11.9 प्रतिशत, मौतों में 9.4 प्रतिशत और घायलों की संख्या में 15.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। यानी सड़क सुरक्षा दिन-प्रति-दिन लचर होती जा रही है।

सीट बेल्ट और हेलमेट की अनदेखी से हो रही दुर्घटनाएं

नियमों की अनदेखी और लोगों की लापरवाही का आलम यह है कि हेलमेट और सीट बेल्ट का इस्तेमाल न करने के कारण 2022 में 66,744 लोगों की जान गई। यह कुल मौतों का 40 फीसद है। इसका मतलब है कि अगर सिर्फ सीट बेल्ट और हेलमेट की अनिवार्यता को पूरा किया गया होता तो सड़क सुरक्षा की स्थिति काफी बेहतर होती।

हेलमेट न पहनने से 50029 और सीट बेल्ट न पहनने से 16715 लोगों की गई जान

पिछले वर्ष 50029 दोपहिया वाहन सवार हेलमेट न पहनने के चलते काल के गाल में समा गए। जिनमें से 71.3 प्रतिशत ड्राइवर और 28.7 प्रतिशत पीछे बैठे लोग थे। इसी प्रकार सीट बेल्ट न पहनने की कीमत 16715 लोगों को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। इनमें से 8384 ड्राइवर थे और 8331 लोग सहयात्री थे।

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