1947 में भारत आजाद हुआ एक लंबे संघर्ष के बाद आज भारत अपना सुनहरा भविष्य देख पा रहा है। लेकिन ये आजादी मिलना हमारे लिए इतना आसान नहीं रहा जब भारत में स्वाधीनता आंदोलन चल रहा था तो उसका नेतृत्व देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी कर रहे थे लेकिन आजादी के जश्न में वो शामिल नहीं हो पाए थे इसका कारण था बंगाल के नोआखली में हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच हो रही सांप्रदायिक हिंसा जिसको रोकने के लिए गांधी जी वहां अनशन कर रहे थे। इसके बाद कई रोचक बातें हुईं जिन्हें हम आपको प्वाइंटस में बताएंगें।
1. जब ये तय हो गया कि भारत 15 अगस्त को आजादी दिवस मनाएगा तो जवाहर लाल नेहरू और सरदार वल्लभ भाई पटेल ने महात्मा गांधी को एक पत्र भेजा इस पत्र में उन्होनें लिखा था, कि ’15 अगस्त हमारा पहला स्वाधीनता दिवस होगा ऐसे में आपके राष्ट्रपिता होने के नाते ये फर्ज है कि आप इस जश्न में शामिल होकर अपना आशीर्वाद प्रदान करें
2. गांधीजी ने इस पत्र का जवाब भिजवाते हुए कहा कि जब कलकत्ता में हिंदु-मुस्लिम एक दूसरे की जान ले रहे हैं, तो ऐसे में मैं जश्न मनाने के लिए कैसे आ सकता हूं। मैं दंगा रोकने के लिए अपनी जान दे दूंगा लेकिन ये भेद भावना खत्म करके रहूंगा।
3. जवाहर लाल नेहरू ने अपने एक ऐतिहासिक भाषण ‘ट्रिस्ट विद डेस्टनी’ 14 अगस्त की मध्यरात्रि को वायसराय लॉज (मौजूदा राष्ट्रपति भवन) से अपना भाषण दिया था उस समय नेहरू प्रधानमंत्री नहीं बने थे। इस भाषण को पूरी दुनिया ने सुना लेकिन गांधी जी एक ऐसे शख्स थे जो उस दिन नौ बजे सो गए थे।
4. 15 अगस्त, 1947 को लॉर्ड माउंटबेटन ने अपने कार्यालय में काम किया। दोपहर में नेहरू ने उन्हें अपने मंत्रिमंडल की सूची सौंपी और बाद में इंडिया गेट के पास प्रिसेंज गार्डन में एक सभा को संबोधित किया।
5.. हर स्वतंत्रता दिवस पर भारतीय प्रधानमंत्री लाल किले से झंडा फहराते हैं, लेकिन 15 अगस्त, 1947 को ऐसा नहीं हुआ था। लोकसभा सचिवालय के एक शोध पत्र के मुताबिक नेहरू ने 16 अगस्त, 1947 को लाल किले से झंडा फहराया था।
6.भारत के तत्कालीन वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन के प्रेस सचिव कैंपबेल जॉनसन के अनुसार मित्र देश की सेनाओं के सामने जापान के आत्म समर्पण की दूसरी वर्षगांठ 15 अगस्त को पड़ रही थी, इस कारण इसी दिन भारत को आजाद करने का फैसला किया गया था।
7. अगस्त तक भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा रेखा का निर्धारण नहीं हुआ था। इसका फैसला 17 अगस्त को रेडक्लिफ लाइन की घोषणा से हुआ जोकि भारत और पाकिस्तान की सीमाअओं को निर्धारित करती थी।
8. भारत 15 अगस्त को आजाद जरूर हो गया लेकिन उस समय उसका अपना कोई राष्ट्र गान नहीं था। हालांकि रवींद्रनाथ टैगोर ‘जन-गण-मन’ 1911 में ही लिख चुके थे, लेकिन यह राष्ट्रगान 1950 में ही बन पाया।
9. पंद्रह अगस्त भारत के अलावा तीन अन्य देशों का भी स्वतंत्रता दिवस है. दक्षिण कोरिया जापान से 15 अगस्त, 1945 को आजाद हुआ। ब्रिटेन से बहरीन को 15 अगस्त, 1971 को आजादी मिली थी और फ्रांस ने कांगो को 15 अगस्त, 1960 को स्वतंत्र घोषित किया था।
10. 15 अगस्त 1519 को पनामा शहर बनाया गया।
11. पंद्रह अगस्त 1772 को ईस्ट इंडिया कंपनी ने विभिन्न जिलों में अलग सिविल और आपराधिक अदालतों के गठन का फैसला लिया था।
12. पंद्रह अगस्त, 1854 को ईस्ट इंडिया रेलवे ने कलकत्ता (वर्तमान में कोलकाता) से हुगली तक पहली यात्री ट्रेन चलाई थी हालांकि आधिकारिक तौर पर इसका संचालन 1855 में शुरू हो सका था।
13. पंद्रह अगस्त 1872 को ब्रिटिश राज से भारत को आजादी दिलाने में शामिल रहने वाले महर्षि अरबिंदो घोष का जन्म हुआ था।
14. पंद्रह अगस्त, 1950 के दिन असम भीषण भूकंप आया था जिसके कारण यहां करीब 1500-3000 लोगों की मौत भूकम्प के कारण हो गई थी।
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