जिस तरह जीवनयापन के लिए खाना-पीना मुख्य साधन है ठीक उसी तरह आज के समय में मोबाइल फोन भी इंसानी जीवन की मुख्य जरूरत बन गया है। इस दौर में बच्चों से लेकर बड़ों तक हर शख्स की जेब में मोबाइल फोन है। हालांकि इसके इस्तेमाल को लेकर बार-बार विशेषतज्ञों की तरफ से आगाह भी किया जाता रहा है वो इसलिए क्योंकि जरूरत से ज्यादा फोन का इस्तेमाल करने से यूजर्स को तरह-तरह की बीमारीयों का सामना करना पड़ता है। ऐसा ही मामला सामने आया है पुर्तगाल से जहां एक 29 साल की फेनिला फॉक्स नाम की युवती को फोन की वजह से तबीयत बिगड़ने पर व्हीलचेयर का सहारा लेना पड़ा।
फेनिला फॉक्स 2021 से पुर्तगाल में रह रही थी। वह एक सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर है। उनके इंस्टाग्राम पर करीब एक लाख पचास हज़ार फोलोअर्स हैं। फेनिला ने बताया कि वह सुबह से रात तक करीब 24 घंटे मोबाइल फोन पर बिताती है। इसका नतीजा ये हुआ कि उसे चलने के लिए भी व्हीलचेयर का सहारा लेना पड़ा। वह साइबर सिकनेस का शिकार हो गई हैं डाक्टर्स भी उनकी इस बीमारी से हैरान हैं क्योंकि इस बीमारी का डाक्टर्स को भी पता नहीं चल पाया है।
जब फेनिला को सिर और गर्दन दर्द की शिकायत हुई तो उन्होंने डाक्टर से संपर्क किया। उनकी ये बीमारी डाक्टर्स की भी पकड़ में नहीं आ पाई। जब उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ने लगी तो उन्होंने ब्रिटेन जाने का निर्णय किया। जब वह उपचार के लिए पुर्तगाल से ब्रिटेन के लिए निकली तो एयरपोर्ट पर उनकी आंखों के आगे अंधेरा आ गया। तबीयत बिगड़ने की वजह से उन्हे व्हीलचेयर का सहारा लेना पड़ा। ब्रिटेन में भी उनकी ये बीमारी डाक्टर्स की समझ से बाहर थी।
अपनी इस बीमारी के बारे में द मिरर से बातचीत करते हुए फेनिला ने कहा “वह पुर्तगाल में एक डॉक्टर के पास गया था जिसने उसकी आँखें बंद करने और सीधी रेखा में चलने सहित अन्य परीक्षण किए लेकिन वह ऐसा नहीं कर सकी। उसने उसे अपनी आँखें बंद करने और अपने घुटनों को ऊपर उठाने के लिए कहा लेकिन वह घूम रही थी और दूसरी तरफ देख रही थी – यह सामान्य नहीं है”। मुझे अपने संतुलन को लेकर गंभीर समस्या थी। मुझे नहीं पता था कि यह मेरा फोन पैदा कर रहा था। इसने मुझे इतना बीमार कर दिया कि मैं खड़ी नहीं हो पा रही थी, मैं नहा भी नहीं पा रही थी। मैं अपने लिए खाना नहीं बना सकती था। मुझे घर जाने के लिए व्हीलचेयर की ज़रूरत पड़ी और मेरे माता-पिता को मेरी देखभाल करनी पड़ी। मैं तब लगभग छह महीने तक बीमार रही।”
यूजर्स अपने पर्सनल और प्रोफेशनल काम के लिए फोन का इस्तेमाल करतें हैं। मनुष्य फोन का इतना ज्यादा आदी होता जा रहा है कि देर रात तक सोशल मीडिया पर एक्टिव रहना, खाना खाते समय यहां तक नहाते समय भी फोन को बाथरूम में ले जाना इत्यादि। हालांकि फोन को एक अच्छे उपकरण के रूप में देखा जाता है लेकिन कई बार ऐसे उदाहरण सुनने को मिलते हैं जिससे फोन के इस्तेमाल से लोगों को बचाव करना पड़ता है। फोन के ज्यादा इस्तेमाल से यूजर्स साइबर सिकनेस का शिकार हो जाते हैं, जिसकी वजह से यूजर्स को कई व्यावहारिक और मानसिक दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
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