पूरे देश में होली की धूम का मौहाल है। होली एक ऐसा त्योहार है जिसमें लोग आपसी रंजिश और नफरत को भूलकर एक दूसरे को गले लगाते हैं, मिठाइयां खिलाते हैं और प्यार बांटते हैं।
हिंदू धर्म में जहां एक तरफ इस त्योहार का आध्यात्मिक महत्व है, वहीं विज्ञान के नजरिए से भी होली के त्योहार और इसमें होने वाले रीति-रिवाजों के स्वास्थ्य लाभ का भी जिक्र मिलता है।
होलिका दहन से लेकर प्राकृतिक रंगों से खेलने तक, होली के त्योहार को सेहत के नजरिए भी काफी फायदेमंद माना जाता है। चलिए इस बार आपको बताते हैं। होली में बचाव के साथ होली और इससे संबंधित परंपराओं से सेहत को होने वाले फायदों के बारे में। आपको बता दें होली आध्यात्मिक ही नहीं, वैज्ञानिक रूप से भी हमारे लिए महत्वपूर्ण है।
होली का त्योहार वसंत ऋतु में होता है। इस मौसम में हवा में कई तरह के बैक्टीरिया बढ़ जाते हैं। चूंकि यह हल्की सर्दी और हल्की गर्मी वाला मौसम है। ऐसे में हमें कई तरह के वायरस और बैक्टीरिया जनित रोगों का खतरा भी होता है। होली से एक दिन पहले होलिका जलाना जहां आध्यात्मिक रूप से बुराई के जलने का प्रतीक है। वहीं इसके कई अन्य लाभ भी हैं। आग की गर्मी के कारण पर्यावरण में मौजूद तमाम तरह के बैक्टीरिया नष्ट हो जाते हैं।
होली खेलने के लिए प्राकृतिक रंगों को प्रयोग में लाने की सलाह दी जाती है। ये रंग कई तरह से सेहत के लिए फायदेमंद माने जाते हैं। होली के जीवंत रंगों के संपर्क में आने से हमारे मन और शरीर को कई तरह से लाभ हो सकता है। लाल और चमकीले रंग दिल की धड़कन और श्वास को उत्तेजित करते हैं। पीला और नीला रंग हमारी इंद्रियों पर शांत प्रभाव डालते हैं और हमें आनंद और खुशी का अनुभव कराते हैं।
परंपरागत रूप से होली के रंगों को प्राकृतिक रूप से हिबिस्कस के फूल, मेंहदी के पत्ते, केसर, चंदन आदि के मिश्रण से तैयार किया जाता है। ये प्राकृतिक रंग न केवल आपकी त्वचा, बालों और आंखों के लिए अच्छे होते हैं, साथ ही ये मृत त्वचा को भी साफ करते हैं। आयुर्वेद में इस तरह की सामग्री का उपयोग त्वचा को चमकदार बनाने के लिए वर्षों से किया जाता रहा है। ध्यान रखें, सिर्फ प्राकृतिक रंगो के ही लाभ हैं, रसायन युक्त रंग कई तरह से नुकसान भी पहुंचा सकते हैं।
होली के दिन को ठंडाई और कांजी जैसे प्रसिद्ध पेय बेहद खास बनाते हैं। ये न सिर्फ स्वाद के लिहाज से अच्छे होते हैं साथ ही पेट के लिए यह शीतलक के रूप में कार्य करते हैं। ठंडाई में मिश्रित कई औषधियों में एंटी-ऑक्सीडेंट और पोषक तत्वों की प्रचुरता होती है। स्वादिष्ट दूध के स्वाद वाले ठंडाई में बादाम, तरबूज, सौंफ के बीज और गुलाब की पंखुड़ियों को प्रयोग में लाया जाता है। सेहत के लिए इनका सेवन कई तरह से लाभकारी हो सकता है।
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