ReNEET के खिलाफ छात्रों की याचिका: क्या परीक्षा रद्द करना सही होगा?
NEET परीक्षा में कथित गड़बड़ियों के बाद ReNEET की मांग को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन जारी हैं। इसी बीच, गुजरात के 56 छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में ReNEET के खिलाफ याचिका दायर की है। उनका तर्क है कि परीक्षा रद्द करना उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होगा, क्योंकि उन्होंने कड़ी मेहनत से परीक्षा की तैयारी की है।
विभिन्न पक्षों के विचार
- छात्र संगठन: स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) और अन्य छात्र संगठनों ने NTA के खिलाफ देशव्यापी एजुकेशन बंध का ऐलान किया है। वे ReNEET, NTA को खत्म करने और शिक्षा मंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।
- प्रधानमंत्री: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेपर लीक मामले में दोषियों को कड़ी सजा दिलाने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले में किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरतेगी।
- CBI: पेपर लीक मामले में CBI की जांच जारी है और अब तक कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।
आगे क्या?
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई के बाद ही पता चलेगा कि ReNEET होगा या नहीं। इस मामले में कोर्ट का फैसला लाखों छात्रों के भविष्य को प्रभावित करेगा।
तटस्थ दृष्टिकोण:
इस मुद्दे पर अलग-अलग पक्षों के विचारों को समझना महत्वपूर्ण है। एक तरफ, छात्रों की मेहनत और उनके मौलिक अधिकारों का सम्मान किया जाना चाहिए। वहीं दूसरी ओर, पेपर लीक जैसी गंभीर घटनाओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इस मामले में एक संतुलित और न्यायसंगत फैसला लेने की जरूरत है, जो सभी पक्षों के हितों को ध्यान में रखे।
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