विश्व बैंक भारत ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि मौजूदा वित्त वर्ष 22-23 में जीडीपी की वृद्धि में गिरावट होने की उम्मीद है। विश्व बैंक ने कहा है कि वित्त वर्ष 2022-2023 में (GDP) दर घटकर 6.9% रहने की उम्मीद है। हालांकि, विश्व बैंक के मुताबिक ऐसा बिगड़ते बाहरी वातावरण के कारण ऐसा होगा। इसके अलावा उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति में भी नरमी देखी जा सकती है। मुद्रास्फीति अक्टूबर में घटकर 6.77 प्रतिशत हो गई थी, जो कि पिछले महीने में 7.41 प्रतिशत थी।
आरबीआई की तीन दिवसीय मौद्रिक नीति समिति की बैठक सोमवार से शुरू हुई थी। इस बैठक में “आरबीआई मौद्रिक नीति को जीडीपी ग्रोथ की धीमी गति के साथ-साथ मुद्रास्फीति के 6 प्रतिशत से अधिक होने की पृष्ठभूमि के खिलाफ पेश करेगा। हम मानते हैं कि एमपीसी इस बार दरों में बढ़ोतरी जारी रखेगी, हालांकि परिमाण कम होगा।”
विश्व बैंक ने अपने इंडिया डेवलपमेंट अपडेट में चालू वित्त वर्ष 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए पूर्वानुमान को घटाकर 6.9% कर दिया है। वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि पिछले तीन महीनों में 13.5 प्रतिशत की वृद्धि के मुकाबले धीमी होकर 6.3 प्रतिशत हो गई थी।
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