Advertisement

Home Loan Rules: 30 दिन में रजिस्ट्री नहीं लौटाई तो बैंक को देना होगा रोज ₹5000 जुर्माना

Share
Advertisement

होम लोन ग्राहकों को बड़ी राहत देते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बड़ा बदलाव किया है। अब लोन चुकता हो जाने के बाद बैंक को आपकी प्रॉपर्टी के कागजात 30 दिन के भीतर लौटाने ही होंगे। देशभर के बैंकों को इस संबंध में निर्देश जारी करते हुए रिजर्व बैंक ने साफ कर दिया है कि अगर बैंक 30 दिन के भीतर ग्राहकों को रजिस्ट्री नहीं लौटाता है तो इसके एवज में बैंक को 5 हजार रुपए का जुर्माना रोज देना पड़ेगा।

Advertisement

आपको बता दें बुधवार को केंद्रीय बैंक ने देश की तमाम बैंक, एनबी एफसी और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों को सलाह देते हुए ये फैसला लिया है। इसके आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। खास बात ये है फुल लोन पेमेंट के बाद इन वित्तीय संस्थानों द्वारा जुर्माने के रूप में हर रोज के हिसाब से 5000 रुपये की जो रकम भरी जाएगी , वो ग्राहकों को मिलेगी। बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, आरबीआई द्वारा जारी किए गए एक सर्कुलर में बताया गया है कि ये फैसला 1 दिसंबर 2023 से प्रभावी हो ने जा रहा है।

दरअसल, मौजूदा स्थिति में लोन पूरा हो जाने के बावजूद लोगों को इसके एवज में रखे गए कागजात वापस हासिल करने के लिए खूब धक्के खाने पड़ते हैं। बैंकों की कार्यप्रणाली ही कुछ ऐसी है। ऐसी बहुत सी शिकायतें मिल रही थी कि लोन चुकाने के बाद भी ग्राहकों को उनकी प्रॉपर्टी के दस्तावेज आसानी से नहीं मिल रहे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने संपत्ति के दस्तावेज लौटाने के नियम जारी कर बैंकों को यह स्पष्ट कर दिया है। इस फैसले के बाद होम लोन ग्राहकों को बड़ी राहत मिलेगी। RBI ने राष्ट्रीय और क्षेत्रीय क्षेत्र के तमाम बैंकों और एनबीएफसी कंपनियों को साफ कर दिया है कि जिन ग्राहकों ने होम लोन चुका दिया है, उनकी संपत्ति के दस्तावेज ग्राहकों की सुविधा के लिए 30 दिन के भीतर संबंधित ब्रांच में उपलब्ध होने ही चाहिए, जहां से लोन लिया गया है।

ये चार बदलाव जानना जरूरी

  • ग्राहक की अपनी भाषा में लोन एग्रीमेंट होगा। ऐसा करते समय बैंक लेट पेमेंट पर पेनल्टी और विलंब शुल्क बोल्ड अक्षरों में लिखेंगे।
  • हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां होम लोन ले रहे ग्राहक को बताएंगी कि लोन समय पर डिस्बर्स न होने पर कितनी फीस वापस मिलेगी। यदि लोन फ्लोटिंग से फिक्स पर ले जाना हो तो कितनी फीस लगेगी। समय से पहले पेमेंट को लेकर भी स्थिति स्पष्ट करनी होगी।
  • हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां स्थानीय भाषा में ग्राहक को सेंक्शन लेटर जारी करेंगी। इसमें सालाना ब्याज दर तय करने की प्रक्रिया और ईएमआई के ढांचे के बारे में समझ में आने लायक जानकारी देनी होगी।
  • होम लोन ग्राहकों को ब्याज दर सालाना आधार पर बतानी होगी, ताकि ग्राहक जान सके कि वह साल में कितना ब्याज दे रहा है। इससे पहले पीनल चार्ज की भी जानकारी देनी होती थी, जो अभी जरूरी नहीं है।

ये भी पढ़ें: लीबिया में बाढ़ ने मचाई तबाही, 5300 से ज्यादा मौत,10000 लोग लापता

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *