Advertisement
Blogs

1998 में यूक्रेन ने भी भारत के खिलाफ किया था मतदान, तब रूस ने निभाई थी दोस्ती

Share
Advertisement

रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले के बाद सुरक्षा परिषद में रूस के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाया गया। इस प्रस्ताव के वोटिंग में भारत ने हिस्सा नहीं लिया। रूस हमेसा से ही भारत का रणनीतिक साझेदार रहा है। हालांकि अमेरिका के साथ अब भारत के रिश्ते पहले से बेहतर हुए हैं लेकिन अभी रूस पर भारत की निर्भरता बहुत अधिक है।

Advertisement

वर्तमान में भारत की स्थिति ऐसी है कि वह किसी भी पाले में नहीं जाना चाहता है। इतिहास और वर्तमान के घटनाक्रमों पर नजर डालें तो पाते हैं कि रूस ने हर मुश्किल समय में भारत का साथ दिया है।

1998 का परमाणु परीक्षण

भारत सरकार ने 1998 जब परमाणु परीक्षण किया था तब उसकी गूंज पूरी दुनिया में सुनाई दी थी। भारत के परमाणु परीक्षण की चर्चा पूरी दुनिया में हुई थी। कई देशों ने भारत के इस कदम की खूब आलोचना की थी।

तब यूएन सिक्युरिटी काउंसिल में रूस ने भारत के पक्ष में वीटो किया था। उस दौरान यूक्रेन ने कहा था कि सोवियत यूनियन के दौरान जो परमाणु हथियार हमारे पास थे, वे रूस को मिल गए और रूस के दम पर ही अब भारत परमाणु परीक्षम कर रहा है, जिसे हम समर्थन नहीं दे सकते।

यूक्रेन के अस्तित्व के बाद से ही रिश्ते बेहतर भारत और यूक्रेन के बीच नहीं रहे। 1991 में सोवियत संघ का विघटन हुआ था। उस समय यूक्रेन भी रूस से अलग हुआ था। यूक्रेन को एक देश बने हुए करीब 31 साल का समय हो चुका है। इस लंबे समय में भी भारत और यूक्रेन के बीच हालात सामान्य नहीं हो पाए।

दूसरी तरफ भारत और रूस के संबंद और अधिक प्रगाढ़ होते चले गए। रूस भी समय-समय पर भारत की हर तरह से मदद करता रहा। व्यापार की बात करें तो भारत और रूस के बीच यह न के बराबर है। जब परमाणु परीक्षण पर रूस ने भारत का साथ दिया था, तब उसके बदले भारत ने भी क्रीमिया के मुद्दे पर रूस का साथ दिया था।

यूक्रेन पर कब्जे के बाद रूस के खिलाफ कई आर्थिक प्रतिबंध लगाए गए थे। इस दौरान जी-8 ग्रुप से भी रूस को बाहर कर दिया गया था। उस दौरान भारत ने यह कहकर रूस का समर्थन किया था कि वह रूस के खिलाफ प्रतिबंधों का समर्थन नहीं करेगा।

दूसरी तरफ रूस भी भारत के साथ हमेशा खड़ा रहा। कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के बाद कई देश बारत के खिलाफ हो गए थे। लेकिन रूस ने मामले का समर्थन किया था। इस समय भारत के 70 फीसदी हथियार रूस से ही इंपोर्ट होते हैं। इसके अलावा मशीनरीज के कलपुर्जे भी रूस से ही इंपोर्ट होते हैं और बहुत हद तक अभी भी इसके लिए भारत रूस पर ही निर्भर है। ऐसे में यूक्रेन के सपोर्ट में खड़ा होना भारत के लिए महंगा साबित हो सकता है।

Recent Posts

Advertisement

सपा और कांग्रेस भारत का इस्लामीकरण करना चाहते हैं, फर्रुखाबाद में गरजे CM योगी

Farrukhabad: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को फर्रुखाबाद जिले के कमालगंज के रामलीला ग्राउंड में…

May 4, 2024

इंडिया गठबंधन की सरकार बनी तो यूपी सरकार से 7 साल और केंद्र सरकार से 10 साल का हिसाब लिया जाएगा, अखिलेश यादव का भाजपा पर वार

UP: समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव शनिवार को संभल जिले की गुन्नौर विधानसभा तथा…

May 4, 2024

कन्नौज से न अखिलेश जीतेंगे न उनके दोस्त राहुल गांधी रायबरेली से जीतेंगे: डिप्टी CM केशव प्रसाद मौर्य

Badaun: डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य शनिवार को बदायूं पहुंचे. जहां पर उन्होंने आंवला लोकसभा…

May 4, 2024

यह चुनावी युद्ध राम मंदिर बनवाने वालों और निहत्थे कारसेवकों पर गोली चलवाने वालों के बीच है- डिप्टी CM ब्रजेश पाठक

Bhadohi: भदोही लोकसभा सीट पर छठवें चरण में 25 मई को वोट डाले जाएंगे. जिसको लेकर…

May 4, 2024

Arvinder Singh Lovely: BJP में शामिल हुए अरविंद सिंह लवली, हाल ही में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से दिया था इस्तीफा

Arvinder Singh Lovely: दिल्ली में लोकसभा चुनाव से पहले शनिवार को कांग्रेस को बड़ा झटका…

May 4, 2024

जिन्हें जेहाद से प्यार, वे भिखमंगे पाकिस्तान के पास जाएं, फर्रुखाबाद में बोले CM योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जेहाद की बात करने वालों को शर्म आनी चाहिए।…

May 4, 2024

This website uses cookies.