Udaipur Tailor Beheading: मंगलवार शाम को उदयपुर में टेलर कन्हैयालाल (tailor kanhaiya lal) की हत्या से पूरे देश में उबाल है। जिस तरह से इस घटनाक्रम को अंजाम दिया गया, उस बर्बरता के खिलाफ गुस्सा है। पूरा मामला साम्प्रदायिक है, क्योंकि कन्हैयालाल (kanhaiya lal) ने नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) के बयान का समर्थन किया था और उसके बदले में रियाज अख्तरी (Riyaz Attari) और गौस मोहम्मद ने पहले धमकी दी और अब हत्या कर दी। दोनों आरोपियों को वारदात के कुछ घंटों बाद ही गिरफ्तार कर लिया गया था। पूरे राजस्थान (rajasthan) में धारा 144 है। उदयपुर और आसपास के जिलों में इंटरनेट बंद है।
इस घटना को लेकर केंद्र सरकार ने एनआईए (NIA) को जांच सौप दी है। इससे पहले सुबह कन्हैयालाल (tailor kanhaiya lal) का पोस्टमार्टम किया। अंतिम संस्कार किया जा रहा है। अंतिम यात्रा में ‘कन्हैयालाल अमर रहे’ के नारे लगे। लोगों में प्रदेश की अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) सरकार के खिलाफ गुस्सा नजर आया। इससे पहले अंतिम संस्कार को लेकर पुलिस और परिजन के बीच विवाद हुआ। पुलिस का कहना था कि अंतिम संस्कार घर के पास ही कर दिया जाए, जबकि परिवार और समाज के लोग (Udaipur Tailor Beheading) श्मशान में अंतिम संस्कार की मांग पर अड़ गए। बाद में पुलिस ने श्मशान घाट पर अंत्येष्टी की मंजूरी दे दी। उदयपुर के 7 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू है।
राजस्थान के उदयपुर में टेलर कन्हैया लाल साहू (Udaipur Tailor Beheading) की गला रेतकर निर्मम हत्या करने का एक आरोपी मोहम्मद रियाज अतारी भीलवाड़ा जिले के आसीन्द का रहने वाला है। इस निर्मम हत्याकांड से उसने न केवल अपने परिवार बल्कि पूरा आसीन्द का सिर शर्म से झुका दिया है। रियाज के घर वालों का कहना है कि उसने हमारा और गांव का नाम खराब किया है। 10 भाई-बहनों में सबसे छोटा मोहम्मद रियाज लगभग 20 साल पहले आसीन्द छोड़कर उदयपुर में ही रहने लगा था। रियाज अपने पिता जब्बार लुहार के साल 2001 में निधन के बाद उदयपुर जा बसा था। रियाज के भाईयों अब्दुल अय्यूब, इकराम, सरफूद्दीन और सिकन्दर का परिवार आसीन्द कस्बे में रहता है।
बताया जा रहा है कि टेलर कन्हैयालाल ने 15 जून को पुलिस को पत्र लिखकर अपनी हत्या की आशंका जताई थी और सुरक्षा मांगी थी। हालांकि, पुलिस की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। ऐसे में अब पुलिस पर भी सवाल उठ रहे हैं। अगर पुलिस ने समय रहते कार्रवाई की होती, तो यह घटना न होती। कन्हैयालाल ने 15 जून को पुलिस को दिए शिकायत पत्र में लिखा था कि 5-6 दिन पहले मोबाइल पर इंटरनेट के जरिए उनके बेटे से गेम खेलते वक्त आपत्तिजनक पोस्ट हो गई थी। लेकिन दो दिन बाद कुछ लोग उनके दुकान पर आए और मोबाइल से आपत्तिजनक पोस्ट के बारे में जानकारी दी। इसके बाद मैंने पोस्ट डिलीट कर दी।
वहीं पुलिस का दावा है कि कन्हैयालाल (Udaipur Tailor Beheading) की शिकायत के बाद पुलिस ने दोनों पक्षों का समझौता करा दिया था। हालांकि, इसके बावजूद आरोपी कपड़े सिलवाने के बहाने कन्हैयालाल की दुकान में पहुंचे और वहां उनकी हत्या कर दी। उदयपुर में भूतमहल के पास कन्हैया लाल की सुप्रीम टेलर्स नाम से दुकान है। कन्हैया लाल गोर्वधन विलास इलाके का रहने वाले थे। पुलिस की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। ऐसे में अब पुलिस पर भी सवाल उठ रहे हैं। अगर पुलिस ने समय रहते कार्रवाई की होती, तो यह घटना न होती।
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