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नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा से भड़का चीन, लगाए कई प्रतिबंध

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बीजिंगः चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने शुक्रवार को बताया कि बीजिंग ने अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी और उनके परिवार के सदस्यों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है. चीन के सरकारी मीडिया हाउस सीजीटीएन ने इस खबर की पुष्टि की है. बता दें कि पेलोसी अपने एशिया दौरे के क्रम में ताइवान की यात्रा पर थीं. इसको लेकर चीन ने काफी बवाल मचा दिया. ताइवान को चीन अपना एक अलग प्रांत मानता है और उसका साफ कहना है कि समय आने पर वह इस द्वीपीय देश को अपने में मिला लेगा।

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चीन नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा को अपने आंतरिक मामलों में अमेरिका की दखलंदाजी मान रहा है और इस वजह से राष्ट्रपति शी जिनपिंग काफी नाराज बताए जा रहे हैं. वहीं, ताइवान खुद को एक स्वतंत्र एवं संप्रभु राष्ट्र के तौर पर पेश करता है और चीन पर विस्तारवादी होने का आरोप लगाता है. दुनिया के अधिकतर बड़े देश परोक्ष या अपरोक्ष रूप से ताइवान के स्टैंड से इत्तेफाक रखते हैं, जिससे चीन को चिढ़ है. अमेरिका का कहना है कि शी जिनपिंग के नेतृत्व में चीन, ताइवान के साथ वही करने की फिराक में हैं, जो व्लादिमीर पुतिन के नेतृत्व में रूस ने यूक्रेन के साथ किया।

नैंसी पेलोसी के ताइवान से बाहर निकलने के साथ ही चीन ने ताइवान के आसपास के जल क्षेत्रों में घातक मिसाइलें दागी हैं. हालांकि, चीन का कहना है कि ये मिसाइलें उसके सैन्य अभ्यास का एक हिस्सा थीं. लेकिन अमेरिका का मानना है कि  बीजिंग ताइवान को अपनी सैन्य ताकत का डर दिखाने की कोशिश कर रहा है. चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के अखबार ग्लोबल टाइम्स का दावा है कि पीपुल्स लिबरेश आर्मी ने गुरुवार को बड़े स्तर पर सैन्य अभ्यास किया. इस दौरान ताइवान द्वीप को पूरी तरह से लॉक कर दिया गया. ग्लोबल टाइम्स का कहना है कि नैंसी पेलोसी ने चीन की संप्रभुता का घोर उल्लंघन करते हुए ताइवान का दौरा किया।

ताइवान द्वीप पर चीनी सेना लगातार फायरिंग कर रही है. ऐसा लगता है कि चीन ने ताइवान के खिलाफ एक नई जंग की शुरुआत कर दी हो. चीनी मीडिया का दावा है कि उसका सैन्य अभ्यास बिल्कुल असली जंग की तरह ही है, जिसमें ताइवान को पूरी तरह से घेरने का प्रयास जारी है. अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा से भड़के चीन ने अब यूरोपियन यूनियन में शामिल सात देशों के राजदूतों को तलब किया है. इन देशों की ओर से बयान में कहा गया था कि ताइवान की सीमा पर चीन का सैन्य अभ्यास गलत है और इसे तत्काल रोका जाना चाहिए. चीन का कहना है, यूरोपीय देशों का यह बयान हमारे आंतरिक मामलों में दखल है।

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