यूपी में कड़कड़ाती ठंड के बीच सियासी पारा पूरी तरह से गरम है. यूपी में पहले चरण का मतदान 10 फरवरी को होना है. जिसको लेकर बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह खुद मैदान में कूद पड़े है. अमित शाह जानते है कि यूपी देश का सबसे बड़ा राज्य है. यूपी में प्रचंड बहुमत हासिल होने के बाद दिल्ली का रास्ता आसानी से तय किया जा सकता है.
अब यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी के सामने सपा-आरएलडी का गठबंधन खड़ा है. तो दूसरी तरफ बीजेपी फिर जाटों का दिल जीतने का दम भर रही है. अब इसी कड़ी में गृह मंत्री अमित शाह ने जाट नेताओं के साथ अहम बैठक की. जिसके जरिए जाट वोटर्स को साधने की कवायद जारी है.
आपको बता दे, बैठक में कुल 100 जाट नेताओं को बुलाया गया है. हर नेता जाट समाज में अपनी अलग सक्रियता रखता है, ऐसे में उन्हें मनाकर बीजेपी संपूर्ण जाट समाज को अपने पाले में करना चाहती है. बैठक में हर वो शख्स मौजूद रहा, जिनकी जाट समाज में सक्रियता है और जिनके कहने पर किसी भी दल को वोट पड़ सकते हैं.
गृह मंत्री अमित शाह भी इस बात को समझते हैं, लिहाजा जाट नेताओं संग बातचीत के दौरान उन्होंने कई बार भावुक अपील भी की. उन्होंने कहा कि 2014 में आपने सरकार बनाई. 2017 में बहुत डराया, धमकाया और हड़काया, मेरी जगह कोई और होता तो रो देता. लेकिन आपने कहा हम आपको वोट देंगे और फिर आपने प्रचंड बहुमत से सरकार बना दी. साल 2019 में भी यही किया. अब विधानसभा के रण में भी इसी समर्थन की जरूरत है.
जाट नेतों से बातचीत में अमित शाह ने कहा जब भी हम आपके पास आए आपने हमारी झोली में छप्पर फाड़ के वोट दिए. कई बार हमने आपकी बात को नहीं माना तब भी आपने हमें वोट दिया. अब एक बार फिर से हम आपके सामने समर्थन मांगने आए है. साल 2017 के विधानसभा चुनाव में अमित शाह ने ऐसी बैठक की थी. तब भी जाट वोटों पर विशेष ध्यान दिया गया था. नतीजा ये निकला कि बीजेपी ने 143 में से 108 सीटें अपने नाम कर ली थीं.
अब 2022 के चुनावी दंगल में पश्चिमी यूपी के सियासी समीकरण कुछ बदले हैं. अखिलेश ने जब से जयंत चौधरी से हाथ मिलाया गया है, कहा जा रहा है कि जाटों का समर्थन इस गठबंधन के साथ भी जा सकता है. इसके ऊपर किसानों का गुस्सा और जाट आरक्षण ने भी बीजेपी की चुनौती को काफी बढ़ा दिया है. ऐसे में उस चुनौती से पार पाने के लिए और 2017 के प्रदर्शन को फिर दोहराने के लिए गृह मंत्री अमित शाह खुद चुनावी मैदान में कूंद गए हैं. उन्हें पूरा विश्वास है कि एक बार फिर बीजेपी को जाटों का पूरा समर्थन मिल जाएगा.
बीजेपी के बड़े जाट नेता संजय बालियान भी यही मानते हैं कि बीजेपी के पक्ष में माहौल चल रहा है और प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनने जा रही है. उनका कहना है कि चुनाव का समय है, इसलिए अमित शाह कुछ अहम लोगों से मुलाकात कर रहे हैं. वहीं अखिलेश-जयंत के गठबंधन पर बालियान को लगता है कि जमीन पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा. बीजेपी ने दूसरे दलों के मुकाबले ज्यादा जाट उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं. बीजेपी विकास के दम पर जीत हासिल करेगी. सपा और आरएलडी के उम्मीदवारों ने ही चुनाव को बीजेपी के पक्ष में मोड दिया है.
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