Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या राम मंदिर में बढ़ता तनाव- पुजारी और ट्रस्ट में खींचतान के बीच बदलाव की आहट
Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में रामलला के दरबार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और रामलला मंदिर के पुजारियों के बीच तल्खियां लगातार बढ़ रही हैं, जो हाल ही में मंदिर की छत से पानी टपकने की घटना के बाद खुलकर सामने आ गई हैं।
इस विवाद की जड़ में कई मुद्दे हैं। पहला मुद्दा मंदिर में मिलने वाले दान को लेकर है। पहले श्रद्धालु सीधे पुजारियों को दान देते थे, लेकिन अब ट्रस्ट ने नियम बना दिया है कि दान सीधे दानपात्र में ही दिया जाएगा। इस बदलाव से पुजारी नाखुश हैं। दूसरा मुद्दा प्रसाद और टीका वितरण को लेकर है। ट्रस्ट ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुजारियों द्वारा श्रद्धालुओं को प्रसाद देने और टीका लगाने पर रोक लगा दी है, जिससे पुजारियों में असंतोष है।
हालांकि, सबसे बड़ा मुद्दा 22 नए पुजारियों की नियुक्ति है। ट्रस्ट ने इन पुजारियों को ट्रेनिंग देकर भविष्य में गर्भगृह की पूजा-अर्चना की जिम्मेदारी सौंपने की योजना बनाई है। पुराने पुजारियों को लगता है कि यह उनका अस्तित्व मिटाने की कोशिश है।
ट्रस्ट का कहना है कि ये बदलाव मंदिर की व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने और किसी भी तरह की अनियमितता को रोकने के लिए जरूरी हैं। ट्रस्ट का यह भी दावा है कि कुछ पुजारी नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं और श्रद्धालुओं से अनुचित तरीके से पैसे ले रहे हैं।
दूसरी ओर, पुराने पुजारी इन आरोपों को खारिज करते हैं। उनका कहना है कि ट्रस्ट उन्हें दरकिनार करके मंदिर पर अपना एकाधिकार स्थापित करना चाहता है।
इस विवाद के कई संभावित परिणाम हो सकते हैं। हो सकता है कि ट्रस्ट में कुछ सदस्यों को बदला जाए या नए सदस्य शामिल किए जाएं। यह भी संभव है कि गर्भगृह में पूजा करने वाले पुजारियों को बदल दिया जाए।
इस विवाद का सबसे बड़ा नुकसान राम मंदिर की छवि को हो सकता है। यह मंदिर हिंदुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र है और इसे सीधे तौर पर मोदी और योगी सरकार से जोड़ा जाता है। ट्रस्ट और पुजारियों के बीच का यह विवाद मंदिर की पवित्रता और गरिमा को ठेस पहुंचा सकता है।
इस विवाद को हाल ही में हुए अयोध्या लोकसभा उपचुनाव में भाजपा की हार से भी जोड़ा जा रहा है। कुछ लोगों का मानना है कि मंदिर से जुड़े विवादों ने भाजपा की छवि को नुकसान पहुंचाया है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि इस विवाद का समाधान कैसे निकाला जाता है। क्या ट्रस्ट पुजारियों की मांगों को मान लेगा या फिर अपने फैसले पर अडिग रहेगा? क्या इस विवाद का कोई राजनीतिक हल निकलेगा? फिलहाल, सभी की निगाहें अयोध्या पर टिकी हैं।
यह भी पढ़ें-https://hindikhabar.com/state/uttar-pradesh/news-from-agra-dispute-between-husband-wife/
Hindi Khabar App: देश, राजनीति, टेक, बॉलीवुड, राष्ट्र, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल, ऑटो से जुड़ी ख़बरों को मोबाइल पर पढ़ने के लिए हमारे ऐप को प्ले स्टोर से डाउनलोड कीजिए. हिन्दी ख़बर ऐप
Hathras: हाथरस भगदड़ मामले में सुप्रीम कोर्ट और इलाहाबाद उच्च न्यायालय में कार्रवाई की मांग…
CM Nitish : वज्रपात से भागलपुर में 1, दरभंगा में 1, पूर्वी चंपारण में 1…
MP Budget 2024 : मध्यप्रदेश की सरकार ने बजट पेश किया। बजट को उपमुख्यमंत्री और…
Jobs in Bihar : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित 'संवाद' में राजस्व एवं…
Samrat in Ayodhya : बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी अयोध्या पहुंचे. वह अयोध्या विशेष…
Jai Jagannath Rathyatra : ओडिशा के पुरी में प्रतिवर्ष निकलने वाली जगन्नाथ रथयात्रा इस साल…
This website uses cookies.