पंजाब के पंचायत मंत्री तरुनप्रीत सिंह सौंद ने किया दौरा, गांवों के विकास कार्यों की प्रगति का लिया जायजा

पंजाब के पंचायत मंत्री तरुनप्रीत सिंह सौंद ने किया दौरा, गांवों के विकास कार्यों की प्रगति का लिया जायजा
Punjab News : पंजाब के ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री तरुनप्रीत सिंह सौंद ने कहा है कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने राज्य के गांवों का स्वरूप और रूपरेखा बदलने में एक नया अध्याय लिख दिया है. उन्होंने कहा कि गांवों के लिए किए गए ‘आप सरकार’ के कार्यों को लंबे समय तक याद रखा जाएगा. सौंद ने कहा कि पंजाब के गांवों के 15000 तालाबों की सफाई और 13000 ग्रामीण खेल मैदानों की शानदार पहल से गांवों का कायाकल्प होगा और गांववासियों का जीवन स्तर ऊंचा होगा. उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों की नालायकी के कारण न तो गांवों के नौजवानों के लिए खेल मैदानों की ओर कोई ध्यान दिया गया और न ही तालाबों की साफ सफाई की परवाह की गई.
राजपुरा ब्लॉक के गांव खिजरगढ़ (बनूड़) में विधायिका नीना मित्तल के साथ ग्रामीण खेल मैदान का निरीक्षण करने के अवसर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए सौंद ने कहा कि प्रत्येक गांव के लिए दो स्थान बहुत खास होते हैं. एक गांव का खेल मैदान और दूसरा गांव का तालाब. इन दोनों से गांव की खुशहाली और गांव के युवाओं के बारे में पता चल जाता है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने पंजाब के सभी गांवों में खेल मैदान बनाने या मौजूदा खेल मैदान को अपग्रेड करने का लक्ष्य निर्धारित किया है और पूरे पंजाब के तालाबों की सफाई का बीड़ा उठाया हुआ है.
सरकार की गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है
उन्होंने बताया कि ग्रामीण पुनरुद्धार मिशन के हिस्से के रूप में, पंजाब सरकार राज्य भर के गांवों में 13000 से अधिक खेल मैदान बना रही है या अपग्रेड कर रही है. यह एक ऐसा कदम है जो गांवों में रहने वाले युवाओं के भविष्य के प्रति सरकार की गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि गांवों के खेल मैदान सरकार के ‘नशा-मुक्त पंजाब’ के दृष्टिकोण से सीधे तौर पर जुड़कर, युवाओं की भागीदारी और नशीले पदार्थों के दुरुपयोग के खिलाफ रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगे. उन्होंने बताया कि ग्रामीण खेल मैदानों की योजना सभी 154 ब्लॉकों में लागू की जा रही है. गांवों का स्वरूप बदलने के लिए 3,500 करोड़ रुपये के बजटीय फंडों के उपयोग के साथ-साथ मनरेगा और वित्त आयोग के अनुदान जैसी योजनाओं का उपयोग किया जाएगा.
खेलों को प्रोत्साहित करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है
उन्होंने आगे बताया कि पंजाब भर में 3,000 मॉडल खेल के मैदान बनाए जा रहे हैं जिसमें स्थानीय स्तर पर प्रसिद्ध खेलों को प्रोत्साहित करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. इसके अलावा राज्य में स्थित 4300 मौजूदा खेल मैदानों को भी अपग्रेड किया जा रहा है और कई गांवों में नए खेल मैदानों का निर्माण जारी है. उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि बहुत सारे ग्रामीण बच्चे खेल के मैदानों या खेल सुविधाओं तक पहुंच के बिना बड़े होते हैं. अच्छी तरह से सुसज्जित, सुरक्षित और हरे-भरे खेल के मैदान बनाकर, हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हर बच्चे को, हर गांव में, खेलने, प्रतिस्पर्धा करने और आगे बढ़ने का अवसर मिले.
पंजाब के 154 ब्लॉकों में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है
बाद में तरुनप्रीत सिंह सौंद ने अजीजपुर, फरीदपुर गुज्जरां, भटेड़ी, नलास खुर्द और माणकपुर गांवों के खेल मैदानों और तालाबों की साफ सफाई की स्थिति का भी जायजा लिया. उन्होंने अजीजपुर स्टेडियम के काम का जायजा लेते हुए कुछ कमियों का गंभीर नोटिस लिया और एडीसी पटियाला को इसकी रिपोर्ट देने के आदेश दिए. उन्होंने कहा कि पंजाब में 15,000 गांवों के तालाबों का पुनरुद्धार ग्रामीण परिवर्तन में एक नया अध्याय जोड़ेगा. पंजाब सरकार ने 15,000 से अधिक गांवों के तालाबों को साफ करने, पुनर्जीवित करने और पानी ट्रीट करने के लिए अपनी तरह का पहला मिशन शुरू किया है. यह मिशन पंजाब के 154 ब्लॉकों में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है.
1,587 तालाबों में पानी निकालने का काम पूरा हो गया है
उन्होंने बताया कि फील्ड रिपोर्टों के अनुसार 1,587 तालाबों में पानी निकालने का काम पूरा हो गया है और 4,408 तालाबों में काम चल रहा है. सभी तालाबों में पानी निकालने का काम 30 मई, 2025 तक पूरा हो जाएगा. उन्होंने कहा कि 515 से अधिक तालाबों में गाद निकालने का काम भी पूरा हो गया है और 1901 तालाबों में यह काम चल रहा है. सौंद ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के पहले चरण में 5000 थापर/सीचेवाल मॉडल बनाए जा रहे हैं.
तालाबों की सफाई से गांवों के निवासियों के मान सम्मान में भी वृद्धि हुई
उन्होंने कहा कि तालाबों की सफाई का काम सिर्फ एक सफाई परियोजना नहीं है. यह गांवों के जीवन में मान-सम्मान वापस लाने के लिए एक लहर है. बहुत समय से गांवों के तालाब डंपिंग ग्राउंड बन गए थे जो कि गंदे और बदबूदार थे. कूड़ा-करकट, प्लास्टिक और जंगली बूटी के इकट्ठा होने के कारण, तालाबों का पानी पशुओं के लिए अयोग्य हो गया था, मच्छरों के लिए प्रजनन स्थल था, और खेती के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता था. अब यह साफ जल स्रोतों में बदल रहे हैं जिसका उपयोग कृषि के लिए किया जाएगा. तालाबों की सफाई से गांवों के निवासियों के मान सम्मान में भी वृद्धि हुई है.
प्राकृतिक प्रवाह को महत्वपूर्ण ढंग से बढ़ाया जा रहा
उन्होंने बताया कि दशकों में पहली बार पंजाब के सभी तालाबों में बड़े पैमाने पर डी-वाटरिंग और डी-सिल्टिंग की जा रही है जिससे गंदे पानी को साफ करके पानी की स्टोरेज क्षमता और प्राकृतिक प्रवाह को महत्वपूर्ण ढंग से बढ़ाया जा रहा है.
यह भी पढ़ें : भारत सरकार ने मीडिया को जारी की एडवाइजरी, कहा- एयर रेड सायरन का उपयोग बंद करें
Hindi Khabar App: देश, राजनीति, टेक, बॉलीवुड, राष्ट्र, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल, ऑटो से जुड़ी ख़बरों को मोबाइल पर पढ़ने के लिए हमारे ऐप को प्ले स्टोर से डाउनलोड कीजिए. हिन्दी ख़बर ऐप