
नीतीश सरकार ने सिपाही भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले को लेकर कदम उठाया है। बिहार सरकार ने एसके सिंघल को केंद्रीय चयन पर्षद सिपाही भर्ती के अध्यक्ष पद से हटा दिया है। सरकार ने एसके सिंघल को एक साल के भीतर पद से निकाल दिया है। अध्यक्ष पद का अतिरिक्त प्रभार एसके सिंघल को सौंप दिया गया है, अब शोभा अहोतकर डीजी फायर व होमगार्ड है।
पेपर लीक होने से हुई सरकार को परेशानी
बता दें, इससे संबंधित सूचना मंगलवार 26 दिसंबर को गृह विभाग ने जारी की है। नीतीश सरकार को सिपाही भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में बहुत परेशानी हुई। सरकार का मानना है कि उसी ने यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। 1990 बैच की आईपीएस अधिकारी शोभा अहोतकर हैं।
पूरे राज्य में 74 केस दर्ज
दिसंबर 2022 में एस के सिंघल बिहार के डीजीपी पद से रिटायर हो गए। बाद में उन्हें 21 जनवरी 2023 को तीन साल के लिए केंद्रीय चयन पर्षद का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। इस पद पर आने के कुछ महीने बाद ही पर्षद ने पहली बार 21 हजार सैनिकों की बहाली की प्रक्रिया शुरू की। लेकिन लिखित परीक्षा का प्रश्न पत्र बहुत से जिलों में छूट गया और वायरल हो गया। इससे जुड़े 74 केस पूरे राज्य में दर्ज किए गए। बाद में सरकार ने इस मामले की जांच आर्थिक अपराध इकाई को सौंप दी।
जांच अभियान जारी
सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक कांड की जांच के लिए इओयू ने 7 अक्टूबर को डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लों के नेतृत्व में एक एसआईटी का गठन किया। 31 अक्टूबर को आर्थिक अपराध इकाई ने इस मामले में एफआईआर दर्ज करते हुए मामले की जांच शुरू कर दी। इसमें पुलिस कांस्टेबल तक को गिरफ्तार किया गया है और कई स्तर पर जांच अभी भी जारी है।