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युद्ध के बीच रूस ने जापान के प्रधानमंत्री सहित 63 जापानियों पर रूस में प्रवेश पर लगाया बैन

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रूसी विदेश मंत्रालय ने बुधवार को 63 जापानी अधिकारियों, पत्रकारों और प्रोफेसरों के खिलाफ प्रतिबंध लगा दिया। इस प्रतिबंध का कारण मास्को के खिलाफ वैसा बयानबाजी बताया जा रहा है।

जापान पर रूसी प्रतिबंध
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रूसी विदेश मंत्रालय ने बुधवार को 63 जापानी अधिकारियों, पत्रकारों और प्रोफेसरों के खिलाफ प्रतिबंध लगा दिया। इस प्रतिबंध का कारण मास्को के खिलाफ वैसा बयानबाजी बताया जा रहा है।

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रूस ने जिन-जिन हस्तियों पर प्रतिबंध लगाया है उसमें जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा, विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी और रक्षा मंत्री नोबुओ किशी, अन्य अधिकारी भी शामिल हैं। रूसी मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि ‘प्रतिबंध लक्षित व्यक्तियों को अनिश्चित काल के लिए रूस में प्रवेश करने से रोकते हैं।’ बता दें कि इससे पहले रूस ने 40 जर्मन राजनयिकों को भी निष्कासित कर दिया था।

इस संबंध में रूस के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ‘ब्रिटिश सरकार द्वारा 11 मार्च को 386 स्टेट ड्यूमा डिप्टी को प्रतिबंध सूची में जोड़ने के निर्णय के जवाब में, एक पारस्परिक कदम में हाउस ऑफ कॉमन्स के 287 सदस्यों पर व्यक्तिगत प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं।’

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मास्को ने कहा कि इस सूची में वो ब्रिटिश सांसद शामिल हैं जिन्होंने रूसी विरोधी प्रतिबंधों को तैयार करने में ‘सबसे सक्रिय भूमिका’ निभाई है और ‘रसोफोबिक हिस्टीरिया’ में योगदान दिया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिन लोगों को ब्लैकलिस्ट किया गया उनमें हाउस ऑफ कॉमन्स के अध्यक्ष लिंडसे हॉयल के साथ-साथ कैबिनेट सदस्य भी शामिल हैं। इस ब्लैकलिस्ट सूची में लेबर राजनेता भी शामिल हैं। उनमें डायने एबॉट भी शामिल हैं जो लेबर पार्टी के पूर्व नेता जेरेमी कॉर्बिन के करीबी सहयोगी हैं।

दरअसल ओस्लो ने इस महीने की शुरुआत में तीन रूसी राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था और 8 रुसी राजनयिकों को इस महीने जापान से निष्कासित कर दिया गया था। इसे टोक्यो ने यूक्रेन में रूस की कार्रवाइयों का जवाब बताया था।

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