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यूक्रेन को 18 अरब यूरो की आर्थिक मदद देगा यूरोपीय संघ, रूस ने कहा- आओं बात करें

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रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच अब यूक्रेन में रहने वाले लोगों के लिए संकट गहराता जा रहा है। लाखो लोग जो बेघर हो चुकें हैं किसी सुरक्षित देश में पनाह पाने के लिए कतारों में लगे हुए हैं। भूखे प्यासे लोग कैसे भी अपनी जान को सुरक्षित कर यूक्रेन से बाहर निकलना चाहते हैं। इस शरणार्थी संकट के बीच यूरोपीय संघ ने यूक्रेन के इस संकट के समय में मदद करने का फैसला किया है। वहीं रूस ने एक बार फिर से यूक्रेन के सात बातचीत करने को कहा है। रूस का कहना है कि अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है, बात की जा सकती है।

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वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने आगाह किया था कि रूस उनके देश की ऊर्जा आधारभूत संरचना को तबाह कर शरणार्थी संकट को और भड़काना चाहता है। ब्रसेल्स में 27 राष्ट्रों वाले ईयू के नेताओं के एक शिखर सम्मेलन में अनुमोदित योजना यूक्रेन के लिए मासिक किस्त के तौर पर अमेरिकी वित्तीय सहायता के समान होगी। यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा, ‘‘यूक्रेन ने हमें बताया है कि मूलभूत सुविधाओं को बनाए रखने के लिए उन्हें प्रति माह लगभग 3-4 अरब यूरो की आवश्यकता है।’’

लेयेन ने कहा कि यह आंकड़ा यूरोपीय संघ और अमेरिका द्वारा समान रूप से पूरा किया जाएगा, साथ ही अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों से अतिरिक्त धन मुहैया कराए जाएंगे। लेयेन ने संवाददाताओं से कहा कि यूक्रेन के लिए निरंतर आय की उचित व्यवस्था होनी बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि ईयू हर महीने लगभग 1.5 अरब यूरो प्रदान करना चाहता है। ईयू के वित्त मंत्रियों को एक साथ धन जुटाने के लिए प्रणाली बनाने का काम सौंपा गया है। लेयेन ने नागरिकों और बुनियादी ढांचे पर रूस के ‘‘बर्बर और जानबूझकर’’ हमलों की भी निंदा की।

पिछले आठ महीने से जारी युद्ध में रूस ने मिसाइल और ड्रोन हमलों के साथ यूक्रेन के बिजली स्टेशन, जलापूर्ति लाइन, संयंत्रों और अन्य प्रमुख बुनियादी ढांचे को भी निशाना बनाया है। बृहस्पतिवार को वीडियो लिंक के माध्यम से जेलेंस्की ने कहा कि ‘‘रूसी क्रूज मिसाइलों और ईरानी लड़ाकू ड्रोन के हमलों ने हमारे एक तिहाई से अधिक ऊर्जा बुनियादी ढांचे को नष्ट कर दिया है।’’ जेलेंस्की ने कहा कि रूस हमले कर और ऊर्जा संयंत्रों को निशाना बना कर यूक्रेन के लोगों को यूरोपीय संघ के देशों में पनाह लेने के लिए मजबूर कर रहा है।

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ‘‘शुरू से ही’’ यूक्रेन के साथ वार्ता के पक्षधर थे और इस संबंध में ‘‘कुछ भी नहीं बदला है।’’ क्रेमलिन (रूसी सरकार) के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव शुक्रवार को तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। इससे पहले दिन में, एर्दोआन ने कहा कि पुतिन पहले की तुलना में ‘‘अधिक नरम और बातचीत के लिए अधिक तैयार’’ जान पड़ रहे हैं। उन्होंने संघर्ष समाप्त करने के लिए वार्ता की संभावना को लेकर कहा, ‘‘हमने उम्मीद नहीं छोड़ी है।’’

पेस्कोव ने कहा, ‘‘अगर आपको याद हो तो राष्ट्रपति पुतिन ने विशेष सैन्य अभियान से पहले ही नाटो और अमेरिका दोनों के साथ बातचीत शुरू करने का प्रयास किया था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ पुतिन वार्ता के पक्षधर थे, जब रूसी और यूक्रेनी वार्ताकारों के बीच एक दस्तावेज पर लगभग सहमति हो गई थी। इस संबंध में कुछ भी नहीं बदला है। यूक्रेनी पक्ष की स्थिति बदल गई है…यूक्रेनी कानून अब किसी भी बातचीत पर रोक लगाता है।’’

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